Dehradun News: बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय द्वारा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी पर की गई अपमानजनक एवं अभद्र टिप्पणी पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अजेंद्र अजय के बयान को नाकाबिले बर्दाश्त और अक्षम्य करार देते हुए इसे शंकराचार्य जी के करोड़ों भक्तों की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है।
करन मेहरा की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने कहा, “अजेंद्र अजय का शंकराचार्य जी को लेकर दिया हुआ बयान नाकाबिले बर्दाश्त और अक्षम्य है। उनका यह कहना कि ‘शंकराचार्य महाराज शंकराचार्य हैं भी या नहीं’ बहुत ही निंदनीय है। इससे शंकराचार्य जी के करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं।”
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मेहरा ने आगे कहा, “शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी एक प्रतिष्ठित धार्मिक व्यक्तित्व हैं और उनके खिलाफ इस तरह की बयानबाजी से समाज में गलत संदेश जाता है। यह बयान न केवल शंकराचार्य जी का अपमान है बल्कि उनके अनुयायियों का भी अपमान है।”
Dehradun News: अजेंद्र अजय की सफाई
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा, “शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद अपने कार्यों से ज्यादा मिडिया में अपने बयानों को लेकर चर्चित रहते हैं। शंकराचार्य को राजनीति में आ जाना चाहिए, क्योंकि वह बातें बहुत अच्छी-अच्छी करते हैं।”
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विवाद का कारण
विवाद की जड़ अजेंद्र अजय का वह बयान है जिसमें उन्होंने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी की धार्मिक पहचान पर सवाल उठाया था। इस बयान के बाद से ही उत्तराखंड में राजनीतिक और धार्मिक हलकों में भारी विवाद शुरू हो गया है।
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है और अजेंद्र अजय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस तरह की बयानबाजी से धार्मिक सौहार्द्र को ठेस पहुंचती है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
Dehradun News: समापन
उत्तराखंड में अजेंद्र अजय की शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी पर टिप्पणी ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने इस बयान को नाकाबिले बर्दाश्त और अक्षम्य करार देते हुए अजेंद्र अजय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। दूसरी ओर, अजेंद्र अजय ने अपने बयान पर कायम रहते हुए शंकराचार्य जी पर कटाक्ष किया है, जिससे यह विवाद और गहरा गया है। अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और यह विवाद किस दिशा में जाता है।
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