MP News: रीवा जिले के मनगवां थाना क्षेत्र के गगेव चौकी अंतर्गत हिनौता जोरौट गांव में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। निजी जमीन पर जबरन सड़क बनाने का विरोध करने पर दो महिलाओं को जिंदा दफना दिया गया। इन महिलाओं के नाम ममता पांडेय और आशा पांडेय हैं। इस घटना के बाद ससुर-देवर समेत तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
घटना का विवरण
घटना तब शुरू हुई जब कुछ लोग हिनौता जोरौट गांव में ममता पांडेय और आशा पांडेय की निजी जमीन पर जबरन सड़क बनाने का प्रयास कर रहे थे। ममता और आशा ने इस अवैध निर्माण का विरोध करना शुरू कर दिया। अपनी जमीन की रक्षा करने के लिए वे उन लोगों से भिड़ गईं जो सड़क निर्माण में लगे हुए थे।
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बर्बरता की घटना
जब ममता और आशा ने सड़क बनाने का विरोध किया, तो उनके ससुर और देवर समेत तीन लोगों ने गुस्से में आकर इन दोनों महिलाओं को जिंदा दफना दिया। यह घटना इलाके में हड़कंप मचा गई और स्थानीय लोग इस क्रूरता से स्तब्ध हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और ममता पांडेय और आशा पांडेय को जिंदा निकाला। पुलिस ने ससुर-देवर समेत तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज की है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है।
स्थानीय निवासियों का आक्रोश
इस घटना के बाद हिनौता जोरौट गांव में भारी आक्रोश फैल गया है। स्थानीय निवासियों ने इस बर्बरता के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। जिला कलेक्टर ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का वादा किया है।
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिलाओं के साथ हो रही इस तरह की बर्बरता से यह स्पष्ट होता है कि समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा और असुरक्षा की स्थिति कितनी गंभीर है।
निष्कर्ष
MP News: रीवा जिले में हुई इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। सड़क निर्माण का विरोध करने पर महिलाओं को जिंदा दफनाने की यह घटना बेहद गंभीर है और इसमें शामिल दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा और समाज में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
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