Ghaziabad में पुलिस कमिश्नर के रवैये से परेशान एक पंडित ने डीएम कार्यालय परिसर में हवन आयोजित किया। इस हवन का उद्देश्य पुलिस की बुद्धि की शुद्धि और उनके द्वारा की गई गलतियों का समाधान बताना था। पंडित ने दावा किया कि पुलिस ने उनके मामले में उचित कार्रवाई नहीं की और हल्की धाराओं में केस दर्ज किया।
घटना का विवरण
पंडित के मुताबिक, उनके खिलाफ दर्ज केस में पुलिस ने हल्की धाराएं लगाई हैं, जबकि मामला गंभीर था। पंडित का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायतों पर एफआईआर दर्ज नहीं की और उनकी समस्या को हल करने के बजाय नजरअंदाज किया। परेशान होकर, पंडित ने डीएम कार्यालय परिसर में हवन करने का निर्णय लिया।
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हवन में पंडित ने पुलिस के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई और उनकी बुद्धि की शुद्धि के लिए प्रार्थना की। इस दौरान, डॉक्टर बीपी त्यागी भी मौके पर मौजूद रहे। डॉक्टर त्यागी ने दावा किया कि उन्हें जिलाबदर अपराधी द्वारा धमकी दी गई थी और पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की।
पंडित का आरोप और पुलिस की प्रतिक्रिया
पंडित ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज केस को हल्की धाराओं में सीमित कर दिया, जबकि मामला गंभीर था। उनका कहना है कि पुलिस ने जानबूझकर उनकी शिकायतों की अनदेखी की और मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
पुलिस विभाग ने पंडित के आरोपों को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन डीएम कार्यालय परिसर में हवन करने की घटना ने स्थानीय मीडिया और जनता का ध्यान आकर्षित किया है।
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डॉक्टर बीपी त्यागी की शिकायत
डॉक्टर बीपी त्यागी ने भी इस मामले में अपनी शिकायत दर्ज की है। उनका कहना है कि उन्हें एक जिलाबदर अपराधी द्वारा धमकी दी गई थी, और पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने पंडित के हवन की घटना को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोग पंडित की नाराजगी को सही मानते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि पुलिस की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए उचित चैनल का उपयोग किया जाना चाहिए था।
आगे की कार्रवाई
पंडित और डॉक्टर बीपी त्यागी की शिकायतों को लेकर स्थानीय पुलिस और प्रशासन को जांच करनी होगी। इस घटना ने गाजियाबाद में पुलिस की कार्यप्रणाली और शिकायत निवारण प्रणाली पर सवाल खड़ा किया है।
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