Bihar News: बेटी को जन्म देने के बाद अस्पताल से भागी मां। Grandmother seeks help at ICDS office, hoping to surrender the baby to an adoption agency. DPO ICDS की समझाने पर दादी पोती को घर ले गईं।
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दरअसल, मामला धरहरा प्रखंड के महरना गांव निवासी राजा तांती की पत्नी सोनी देवी का है, जिन्होंने बुधवार को जमालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बच्ची को जन्म दिया। Mother flees hospital after normal delivery, leaving without informing anyone, including her mother-in-law, उषा देवी। शनिवार की दोपहर, उषा देवी एक महिला के साथ बच्ची को लेकर आईसीडीएस कार्यालय मुंगेर पहुंचीं और दत्तक ग्रहण संस्था में बच्ची का पालन-पोषण के लिए गुहार लगाने लगीं। डीपीओ रेखा कुमारी द्वारा काफी समय समझाने और आश्वासन देने के बाद महिला बच्ची को लेकर घर चली गईं।
दादी उषा देवी की स्थिति
उषा देवी बताती हैं कि वह चौका-बर्तन का काम कर घर का गुजारा करती हैं। बहू सोनी देवी ने बुधवार को जमालपुर पीएचसी में बच्ची को जन्म दिया और इसके बाद अस्पताल से भाग गई। कुछ लोगों ने बताया कि दत्तक ग्रहण संस्था में बच्ची का पालन-पोषण होता है, जिसके बाद पोती को लेकर वह दत्तक ग्रहण संस्था में रखने आई थीं। उन्होंने कहा कि बच्ची का पिता बंगलौर में मजदूरी का काम करता है। उनके पहले से एक लड़का और एक लड़की हैं और अब दूसरी बेटी हुई है। उन्होंने कहा कि हमलोग बहुत ही गरीब हैं, इसलिए बच्ची को पाल नहीं सकेंगे।
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डीपीओ रेखा कुमारी का हस्तक्षेप
डीपीओ रेखा कुमारी ने उषा देवी को समझाया कि बच्ची को घर पर ही रखने और परिवार के साथ पालने का महत्व कितना है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार से मिलने वाली सहायता का पूरा लाभ उन्हें मिलेगा और उन्हें बच्ची के पालन-पोषण में कोई कठिनाई नहीं होगी। इसके बाद उषा देवी बच्ची को लेकर घर चली गईं।
समाज में जागरूकता की कमी
इस घटना ने समाज में जागरूकता की कमी और आर्थिक कठिनाइयों के चलते आने वाली चुनौतियों को उजागर किया है। ICDS intervention ने एक परिवार को टूटने से बचा लिया, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं यह भी दर्शाती हैं कि किस प्रकार गरीबी और सामाजिक दबाव के कारण लोग कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
सामाजिक सहायता और सरकारी योजनाएं
Bihar News: जरूरतमंद परिवारों के लिए सामाजिक सहायता और सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। उषा देवी जैसी महिलाओं को जागरूकता और समर्थन मिलना चाहिए ताकि वे अपनी कठिनाइयों से लड़ सकें और अपने परिवार की भलाई सुनिश्चित कर सकें। Grandmother seeks help जैसे मामले समाज के लिए एक संकेत हैं कि सामूहिक प्रयासों से ही हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।