Pratapgarh: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक बार फिर तालिबानी सजा की घटना सामने आई है, जहां पंचायत ने तीन बच्चों की मां को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देखे जाने पर बर्बरता से सजा दी। यह घटना हथिगवा थाना क्षेत्र के छोटकी इब्राहिमपुर कुढा गांव की है, जहां पंचायत ने महिला और उसके प्रेमी को पेड़ से बांधकर उसके बाल काटे और चेहरे पर कालिख पोती।
घटना की जानकारी मिलने पर क्षेत्र में सनसनी फैल गई और पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। सूचना मिलने पर करीब आधा दर्जन थानों की फोर्स के साथ सीओ समेत बड़े अफसर मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए करीब 15 आरोपियों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, इस घटना के बाद कई आरोपी अपने घरों में ताला बंद कर फरार हो गए हैं।
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Pratapgarh: महिला और उसके प्रेमी के साथ हुई इस अमानवीय घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब गांव वालों ने महिला और उसके प्रेमी को आपत्तिजनक स्थिति में देखा, तो उन्होंने तुरंत पंचायत बुलाई। पंचायत ने दोनों को सार्वजनिक रूप से पेड़ से बांधकर उनके बाल काटने और चेहरे पर कालिख पोतने का निर्णय लिया। यह घटना न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि समाज में न्याय के नाम पर की जाने वाली बर्बरता का भी एक घिनौना उदाहरण है।
घटना की सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और महिला और उसके प्रेमी को सुरक्षित बचाया। पुलिस ने बताया कि इस घटना में शामिल सभी आरोपियों की पहचान की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
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Pratapgarh: सीओ ने कहा कि इस तरह की घटनाएं किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक हैं और इसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कानून को अपने हाथ में न लें और किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा लें।
इस घटना ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति सवाल खड़े कर दिए हैं। यह दिखाता है कि आज भी कई जगहों पर कानून और न्याय की जगह सामाजिक बर्बरता और तालिबानी सजा का बोलबाला है। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन को और अधिक सतर्क और संवेदनशील होने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
Pratapgarh: इस घटना की निंदा करते हुए कई सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा है कि इस प्रकार की बर्बरता को किसी भी हालत में सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की है।
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