Bank Account में न्यूनतम बैलेंस न होने के कारण पिछले पांच सालों में आम ग्राहकों से 8500 करोड़ रुपये की पेनल्टी वसूली गई है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने लोकसभा में लिखित रूप में दी है। इस वसूली में पंजाब नेशनल बैंक ने सबसे ज्यादा पेनल्टी लगाई है।
लोकसभा में दिए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न बैंकों ने यह पेनल्टी उन खाताधारकों से वसूली है जिनके खातों में निर्धारित न्यूनतम बैलेंस नहीं था। केंद्र सरकार ने यह जानकारी एक सवाल के जवाब में दी, जिसमें बताया गया कि बैंक किस प्रकार न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों से शुल्क वसूलते हैं।
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पंजाब नेशनल बैंक, जो कि सरकारी बैंकों में से एक है, ने इन पेनल्टी वसूली में सबसे आगे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पेनल्टी वसूली बैंकों के लिए एक अतिरिक्त आय का स्रोत बन गई है, लेकिन इसका प्रभाव आम ग्राहकों पर पड़ रहा है, जिन्हें अक्सर अपनी आर्थिक स्थिति के चलते खातों में न्यूनतम बैलेंस रखना मुश्किल होता है।
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सरकार ने यह भी बताया कि विभिन्न बैंकों ने इस अवधि में विभिन्न प्रकार की पेनल्टी वसूली है, जिसमें खाता बंद करने की फीस, डेबिट कार्ड की फीस, और अन्य सेवा शुल्क शामिल हैं। इस प्रकार की वसूली से आम जनता में नाराजगी है, और इसे लेकर सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा हो रही है।
पिछले पांच सालों में बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर 8500 करोड़ रुपये की पेनल्टी वसूली से यह स्पष्ट होता है कि बैंकों के इस नियम का आम ग्राहकों पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। सरकार और बैंकिंग संस्थानों को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
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