हाल ही में UAE की शहजादी शेख माहिरा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा, “मैं तलाक देती हूं… मैं तलाक देती हूं… मैं तलाक देती हूं।” इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। शहजादी की शादी को अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए थे, लेकिन आपसी मतभेदों के चलते तलाक तक की नौबत आ गई। शहजादी की इस पोस्ट ने एक नई बहस को जन्म दिया है कि क्या मुस्लिम महिलाएं भी Teen Talaq दे सकती हैं? क्या इस्लाम में महिला अपनी मर्जी से अपने पति से अलग हो सकती है?
इस्लामिक कानून के जानकारों के अनुसार, मुस्लिम महिलाएं भी अपने पति को तलाक दे सकती हैं, लेकिन इसका तरीका पुरुषों से अलग होता है। जब तलाक महिला की ओर से लिया जाता है, तो उसे ‘खुला’ कहा जाता है। यह तरीका पूरी दुनिया में प्रचलित है। सऊदी अरब, जहां से इस्लाम फैला, वहां 2014 के आंकड़ों के मुताबिक, खुला के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सन् 2014 में सऊदी अरब के रियाद, मक्का, मदीना जैसे शहरों में खुला के 2033 मामले सामने आए।
भारत में खुला की स्थिति भारत में भी मुस्लिम महिलाएं खुला के अधिकार का खूब इस्तेमाल कर रही हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कुछ साल पहले देशभर में करीब 100 दारुल कजा खोले हैं, जहां तलाक और खुला जैसे मामलों की सुनवाई होती है और इस्लामिक कानून के मुताबिक सलाह दी जाती है। लखनऊ के दारुल कजा फिरंगी महल के प्रमुख मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली के अनुसार, लखनऊ के दारुल कजा में आने वाले मामलों में से 30 से 40 फीसदी खुला के होते हैं।
सेलेब्रिटी और खुला तलाक के लिए खुला के अधिकार का इस्तेमाल करने में सेलेब्रिटी भी पीछे नहीं हैं। पाकिस्तानी सेलेब्रिटी वीना मलिक अपने पति असद खटक से जनवरी 2017 में खुला ले चुकी हैं। इसी साल जनवरी में सानिया मिर्जा के पिता इमरान मिर्जा ने बताया कि उनकी बेटी ने शोएब मलिक से खुला लिया है।
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खुला क्या है?
खुला का अर्थ है उतारना। इसका निहितार्थ यह है कि पति-पत्नी एक दूसरे के लिए कपड़े के रूप में होते हैं। दोनों एक दूसरे की चीजों को कपड़ों की तरह ढंकते और छुपाते हैं और जब वे खुला मांगते हैं तो वे इस ‘कपड़े’ को उतार देते हैं। इस्लामिक कानूनों के अनुसार, पत्नी द्वारा तलाक के प्रस्ताव और पति द्वारा उसको स्वीकारने के लिए ‘खुला’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
खुला का प्रस्ताव करते समय पति को राजी करने के लिए पत्नी की ओर से कोई संपत्ति देने या नकद देने या पति की ओर से प्राप्त कोई संपत्ति वापस कर देने या पूरा या आधा महर वापस कर देने आदि का प्रस्ताव किया जा सकता है। अगर पति कहता है- मैंने तुम्हें बहुत कुछ सोचकर खुला दिया है। यह एक तरह से शपथ लेने के समान है।
क्या कुरान में खुला का जिक्र है?
कुरान की सूरत अल बकराह की आयत नंबर 229 में कहा गया है कि अगर किसी महिला को लगता है कि वह अपने पति के साथ नहीं रह सकती, तो उसे अपने मेहर को लौटाने का अधिकार है और पति को तलाक देना होगा।
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खुला में मेहर की वापसी
खुला में मेहर की वापसी पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य रहे कमाल फारूकी का कहना है कि इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है और मेहर इस कॉन्ट्रैक्ट का अनिवार्य हिस्सा होता है। शादी के वक्त जब लड़का लड़की को मेहर की रकम देता है तो उसे मोअज्जिल कहा जाता है और बाद में देने के वादे पर इसे गैर मुअज्जिल कहा जाता है।
खुला से जुड़ी अहम बातें
अगर पत्नी ने खुला की मांग की है और वह पति को शपथ लेने से रोकना चाहती है तो उसे यह अधिकार है। अगर जज पाते हैं कि पति ने महिला से बुरा व्यवहार किया है तो खुला के वक्त बदले में पति से मेहर की रकम नहीं ली जा सकती।
यह सच है कि इस तरह तलाक हो जाता है लेकिन इसे खुला न कह कर जज का फैसला कहा जाता है। इसमें एक बड़ा सवाल यह है कि अगर मर्द खुला देने को तैयार नहीं होता तो क्या होगा? इस्लामिक कानून के तहत, अगर कोई महिला अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती तो जज को उसे साफ-साफ तलाक देने का आदेश देना चाहिए।
गुजारा भत्ता
खुला और मुबारात के मामलों में तलाक के बाद भी पति को गुजारा भत्ता देना होता है। इद्दत की अवधि (तीन महीने) के दौरान गुजारा-भत्ते की जिम्मेदारी पति की ही होती है।
इस्लामिक कानून के मुताबिक, पति और पत्नी के बीच की आपसी सहमति से ही खुला संभव है।
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