तारानगर तारानगर में 31 जुलाई की रात से लेकर 1 अगस्त पूरे दिन तक लगातार हुई 154 एमएम बारिश ने जहां किसानों के चेहरे पर रौनक ला दी, वहीं कस्बों और शहरों में आम आदमी का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। वार्ड नंबर 1 में खातीयों का मोहल्ला, कुम्हारों का मोहल्ला, सरावगी धर्मशाला के सामने, पुराने और नए बस स्टैंड पर पानी 6 से 10 फीट तक भर गया। मुख्य रास्ते अवरुद्ध हो गए और बरसाती पानी घरों में घुस जाने से सामान खराब हो गया।
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मुख्य क्षेत्रों में जलभराव
तारानगर के सरावगी धर्मशाला के सामने पानी भरने से मुख्य रास्ता अवरुद्ध हो गया, जिससे आम आदमी परेशान रहा। पुराने और नए बस स्टैंड के मुख्य रास्ते भी पूरी तरह बंद रहे। सगतानी मोहल्ला, अंबेडकर मूर्ति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नया बस स्टैंड और पुलिस थाने के सामने पानी भरने से यातायात अवरुद्ध हो गया। बस स्टैंड पर स्थित दुकानों में पानी घुस जाने से व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
पुरानी समस्या का स्थायी समाधान
यह जलभराव की समस्या तारानगर में बहुत पुरानी है, जिसका स्थायी समाधान अब तक किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारी ने नहीं किया। चुनाव के समय आम जनता और व्यापारियों को बड़े-बड़े आश्वासन मिलते हैं, लेकिन यह समस्या वर्षो से जस की तस बनी हुई है।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता
तारानगर के वर्तमान कांग्रेस पार्टी के विधायक नरेंद्र बुडानियां, जो स्वयं इस समस्या से अवगत हैं, ने पिछले पांच सालों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। भाजपा के कद्दावर नेता राजेंद्र सिंह राठौड़, जो एक बार तारानगर के विधायक रह चुके हैं, भी इस समस्या के समाधान को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
प्रशासन की लापरवाही
तारानगर का नगर पालिका प्रशासन हर साल पानी की निकासी के नाम पर लाखों लीटर डीजल और करोड़ों रुपये खर्च करता है, लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती है। जब तारानगर में बारिश शुरू होती है, तो किसानों के चेहरे खिल उठते हैं, लेकिन जलभराव वाली जगहों पर आम आदमी और व्यापारियों के चेहरे मुरझा जाते हैं।
वार्ड नंबर 1 की समस्या
वार्ड नंबर 1 में पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए ड्रेनेज बनाया गया, लेकिन उसमें भी लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ। गरीब मजदूर वर्ग के लोग इस मोहल्ले में रहते हैं और बहुत से परिवारों ने पूरी रात बाहर खड़े रहकर बिताई, मकान गिरने के डर से वे अंदर नहीं जा पाए। आज भी कई परिवार अपना घर छोड़कर दूसरी जगह जाने को मजबूर हो गए हैं।
समाधान की आवश्यकता
तारानगर की यह समस्या जल्द ही हल होनी चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके और उनका जीवन सामान्य हो सके। प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और स्थायी समाधान निकालना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
तारानगर में जलभराव से कितनी बारिश हुई?
तारानगर में 31 जुलाई की रात से लेकर 1 अगस्त पूरे दिन तक 154 एमएम बारिश हुई।
किस क्षेत्रों में सबसे अधिक जलभराव हुआ?
खातीयों का मोहल्ला, कुम्हारों का मोहल्ला, सरावगी धर्मशाला के सामने, पुराने और नए बस स्टैंड, सगतानी मोहल्ला, अंबेडकर मूर्ति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नया बस स्टैंड, और पुलिस थाने के सामने जलभराव हुआ।
जलभराव के कारण कितना नुकसान हुआ?
जलभराव के कारण व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
जनप्रतिनिधियों ने क्या कदम उठाए हैं?
तारानगर के वर्तमान विधायक नरेंद्र बुडानियां और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने जलभराव की समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
प्रशासन की क्या भूमिका रही है?
प्रशासन ने पानी की निकासी के लिए लाखों लीटर डीजल और करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
स्थायी समाधान की क्या आवश्यकता है?
स्थायी समाधान की आवश्यकता है ताकि जलभराव की समस्या से निजात मिल सके और लोगों का जीवन सामान्य हो सके।