Rajasthan News: हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, रामपुरा आगूंचा माईन्स में काम कर रहे ट्रक मालिक और चालक गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। कंपनी द्वारा डीजल वाहनों की जगह लिक्विड गैस (एलएनजी) से चलने वाले वाहनों की मांग ने बालाजी ट्रक यूनियन के तहत काम कर रहे 83 ट्रक मालिकों और चालकों के लिए रोजगार की समस्या खड़ी कर दी है। इससे प्रभावित होने वाले परिवारों की संख्या लगभग 300 से 400 तक हो सकती है।
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बालाजी ट्रक यूनियन की प्रतिक्रिया
बालाजी ट्रक यूनियन के बैनर तले ट्रक मालिकों और चालकों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया गया कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा लिक्विड गैस वाहनों की मांग के चलते उनकी डीजल गाड़ियों को बाहर निकाला जा रहा है। यूनियन के अध्यक्ष ने बताया कि कई ट्रक मालिकों ने ऋण लेकर अपने वाहन खरीदे हैं और उनके परिवार पूरी तरह से इन वाहनों पर निर्भर हैं। अगर इन वाहनों को बाहर कर दिया गया, तो ये परिवार आर्थिक संकट में फंस जाएंगे।
ज्ञापन की मांगें
ज्ञापन में ट्रक मालिकों ने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
- पुरानी गाड़ियों को चालू रखने की अनुमति: यूनियन ने निवेदन किया है कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को निर्देश दिया जाए कि वे पहले से चल रही गाड़ियों को यथावत चलने दें।
- ब्लैकलिस्टेड गाड़ियों को पुनः शामिल करने की मांग: दो गाड़ियों (RJ14-GK-1221 और RJ14-GK-1790) को बिना किसी उचित कारण के ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इन गाड़ियों को पुनः चलाने की अनुमति दी जाए।
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समस्या की जड़
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि लिक्विड गैस (एलएनजी) से चलने वाले वाहन केवल ग्रीनलैंड कंपनी ही बना रही है, जिसने उक्त माईन्स में ठेका लिया है। इस कारण से हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के अधिकारी ग्रीनलैंड कंपनी के दबाव में आकर डीजल वाहनों को बाहर निकाल रहे हैं।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
यह निर्णय ट्रक मालिकों और चालकों के लिए भारी समस्या उत्पन्न कर सकता है। उनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो जाएंगे और उन्हें भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से उन परिवारों के लिए, जो पूरी तरह से इन वाहनों पर निर्भर हैं, यह निर्णय विनाशकारी हो सकता है।
प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता
ट्रक मालिकों और चालकों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को निर्देश दें कि वे पहले से चल रही गाड़ियों को न रोकें। इसके साथ ही, ब्लैकलिस्ट की गई गाड़ियों को पुनः शामिल करने का निर्देश भी जारी किया जाए।
गुलाबपुरा में ट्रक मालिकों और चालकों के लिए यह एक गंभीर संकट है, जो उनके जीवन और जीविका को प्रभावित कर सकता है। प्रशासन से उनकी अपेक्षा है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और उचित कदम उठाएं ताकि इन परिवारों की आजीविका बनी रहे और उन्हें आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।
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