भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के प्रतिनिधिमंडल ने श्रीनगर का दौरा किया और विभिन्न सियासी दलों के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान, सभी दलों ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में ईसीआई टीम सुबह श्रीनगर पहुंची। टीम में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू भी शामिल थे।
पार्टी प्रतिनिधियों की मुलाकात
ईसीआई टीम ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में पंजीकृत राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली और तत्काल विधानसभा चुनाव की आवश्यकता पर जोर दिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भाजपा, कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी (इंडिया) के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग से चुनाव कराने की मांग की।
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नेकां की मांग
नेकां के प्रांतीय अध्यक्ष नासिर असलम वानी ने पार्टी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब अपनी चुनी हुई सरकार चाहते हैं। वानी ने चुनाव आयोग से इस दिशा में निश्चित निर्णय लेने की अपील की और बताया कि 2018 से जम्मू-कश्मीर में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है। उनका कहना था कि चुनाव प्रक्रिया के बिना राजनीतिक, विकासात्मक और सुरक्षा संबंधी मुद्दों को संबोधित नहीं किया जा सकता।
भाजपा और कांग्रेस की एकजुटता
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आरएस पठानिया ने भी तत्काल विधानसभा चुनाव कराने की वकालत की। उन्होंने कहा कि चुनाव सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा के भीतर कराए जाने चाहिए। कांग्रेस नेता जीएन मोंगा ने भी इसी तरह की बात की और कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली आवश्यक है। उन्होंने सुरक्षा परिदृश्य और समानता के आधार पर सभी पार्टियों के साथ उचित व्यवहार की बात की।
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पीडीपी का नजरिया
पीडीपी नेता खुर्शीद आलम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब स्थिति में सुधार हुआ है और अमरनाथ यात्रा जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं बिना किसी घटना के संपन्न हुई हैं, तो चुनाव कराने में क्या दिक्कत है? उन्होंने यह भी कहा कि ईसीआई से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
पैंथर्स पार्टी की चिंता
जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी (इंडिया) के हर्ष देव सिंह ने भी चुनाव प्रक्रिया के स्थगन पर चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 से जम्मू-कश्मीर में भाजपा का प्रॉक्सी शासन चल रहा है और लोगों को उनके बुनियादी हकों से वंचित रखा जा रहा है। उनका कहना था कि चुनाव प्रक्रिया की शीघ्रता आवश्यक है।
प्रशासनिक और पुलिस बैठकों की समीक्षा
राजनीतिक दलों के साथ मुलाकात के बाद, चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, जिलों के चुनाव अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ भी बैठक की। इस बैठक में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की गई। ईसीआई की यह यात्रा जम्मू में समाप्त होगी, जहां कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी। चुनाव आयोग इस यात्रा के निष्कर्षों के बारे में जम्मू में संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से जानकारी देगा।
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