Jharkhand में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भीतर असंतोष और आक्रोश उभर कर सामने आ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव के नेतृत्व को लेकर पार्टी के पलामू जिले के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पटना में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की है। इन नेताओं और कार्यकर्ताओं की मांग है कि प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव को तुरंत हटाया जाए, क्योंकि उनके नेतृत्व में पार्टी का झारखंड में भविष्य उज्ज्वल नहीं दिखता।
पलामू के राजद कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके प्रयासों से पार्टी को जिले में एक सीट मिली थी, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष ने न तो उस समय सहयोग किया और न ही बाद में कोई मेहनत की। इस स्थिति से नाराज कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष की निष्क्रियता के कारण पार्टी की स्थिति कमजोर हो रही है और आने वाले चुनावों में राजद के जीतने की संभावनाएं भी धूमिल हो सकती हैं।
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Jharkhand: प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव पर गंभीर आरोप भी लगाए जा रहे हैं। नेताओं का कहना है कि संजय सिंह यादव पदों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन पर आरोप है कि वह पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए पैसे लेते हैं और फिर कुछ दिनों बाद उन्हें हटा देते हैं। यह आरोप पार्टी के भीतर भ्रष्टाचार और आंतरिक गुटबाजी की ओर इशारा करते हैं, जो कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए हानिकारक हो सकता है।
पलामू के जिला अध्यक्ष मोहन विश्वकर्मा, जिन्हें हाल ही में पद से हटाया गया था, ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी कारण के हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि इस अन्यायपूर्ण फैसले के खिलाफ उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मिलने का निर्णय लिया है, ताकि पार्टी में व्याप्त इस स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। मोहन विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने और उनके साथी कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है, लेकिन प्रदेश नेतृत्व ने उनका समर्थन नहीं किया।
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Jharkhand: पटना पहुंचकर, इन कार्यकर्ताओं और नेताओं ने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मिलकर अपने मुद्दों को रखा। उनकी उम्मीद है कि शीर्ष नेतृत्व इन आरोपों की गंभीरता से जांच करेगा और पार्टी को मजबूत करने के लिए उचित निर्णय लेगा।
राजद के अंदर यह विवाद पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण समय में आया है, जब उसे झारखंड में अपनी पकड़ को मजबूत करने की आवश्यकता है। पार्टी नेतृत्व के सामने अब यह चुनौती है कि वह कैसे इन आंतरिक समस्याओं को हल करता है और कार्यकर्ताओं के विश्वास को बनाए रखता है।
Jharkhand: यह मामला राजद के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां पार्टी को अपने आंतरिक मतभेदों को सुलझाने और एकजुट होकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। अगर पार्टी इन मुद्दों को सही तरीके से नहीं सुलझा पाती, तो इसका प्रभाव आगामी चुनावों में देखने को मिल सकता है।
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