भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिए एक बड़ा बदलाव आ रहा है! हाल ही में लोकसभा में ‘क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021’ (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) पेश किया गया। इस विधेयक का लक्ष्य है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा शुरू की जाए। इसका मतलब है कि अब क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को एक नए ढांचे के तहत लाने की कोशिश की जाएगी।
विधेयक का समय पर न आना: क्या इसका असर होगा?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) विधेयक को पहले शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन यह अब तक पेश नहीं हुआ है। कई सवाल उठते हैं, जैसे कि इसका वर्तमान स्टेटस क्या है? इसे कब पेश किया जाएगा? वित्त मंत्रालय के पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि क्रिप्टो एसेट्स (Crypto Assets) की वैश्विक प्रकृति को देखते हुए इसे सही से विनियमित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का अंतरराष्ट्रीय दृश्य: कौन कहां खड़ा है?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की स्थिति अलग-अलग देशों में अलग है। अमेरिका में विभिन्न राज्यों के अलग-अलग नियम हैं। न्यू यॉर्क ने 2016 में ‘बिटलाइसेंस’ (BitLicense) नामक लाइसेंसिंग सिस्टम शुरू किया था। यूरोपियन यूनियन (EU) ने 2020 में एक योजना बनाई है, जो पूरे संघ के लिए क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करेगी। ब्रिटेन ने 2023 में ‘फाइनेंशियल सर्विसेज एंड मार्केट्स एक्ट’ (Financial Services and Markets Act) को अपडेट किया है, जो क्रिप्टो एसेट्स (Crypto Assets) को नियंत्रित करेगा। कनाडा ने भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को मान्यता दी है और इसके लिए टैक्स लगाया है। वहीं, चीन, सऊदी अरब, पाकिस्तान, बोलिविया और ट्यूनीशिया जैसे देशों ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर बैन लगा दिया है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency): नियम और टैक्स का खेल
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का कानूनी स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। फिलहाल, कोई सेंट्रल नियम नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लेन-देन को नियंत्रित करे। हालांकि, वित्त मंत्री नीरमला सीतारमण ने डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। 2022 के बजट में 30% टैक्स और 1% टीडीएस (TDS) लागू किया गया है। इसका मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से होने वाले लाभ पर 30% टैक्स लगेगा और खरीदारी पर 1% टैक्स काटा जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की नई विधायिका: क्या बदलने वाला है?
‘क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021’ (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) भारत के डिजिटल मुद्रा के लिए एक नई शुरुआत कर सकता है। यह विधेयक न सिर्फ एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा शुरू करने की कोशिश कर रहा है, बल्कि निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर भी नियंत्रण लगाने की कोशिश कर रहा है।
आगे का रास्ता: भारत का डिजिटल मुद्रा भविष्य
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य अभी भी अनिश्चित है, लेकिन इस नई विधायिका के साथ, देश एक नई दिशा में बढ़ सकता है। देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस दिशा में कैसे कदम बढ़ाती है और क्या भारत को डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक ले जा पाएगी।