Starbucks CEO: जब किसी कंपनी का CEO बदलता है, तो उसकी सैलरी सिर्फ़ एक रकम नहीं होती, बल्कि वो कंपनी की तरक्की और शेयर मार्केट पर भी बड़ा असर डालती है। स्टारबक्स (Starbucks) का हालिया उदाहरण इस बात का पक्का सबूत है कि CEO की मोटी सैलरी कंपनी के स्टॉक्स को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
मोटी सैलरी का जादू, कंपनी की ग्रोथ चालू!
जब ब्रायन निकोल (Brian Niccol) को $113 मिलियन के पैकेज के साथ स्टारबक्स का CEO बनाया गया, तो मार्केट में धूम मच गई। स्टारबक्स के शेयर 24% तक बढ़ गए, जबकि निकोल की पुरानी कंपनी चिपोटले (Chipotle) के शेयर 7.5% गिर गए। ये सिर्फ़ एक संयोग नहीं था, बल्कि CEO की सैलरी का कंपनी के स्टॉक्स पर सीधा असर था।
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सैलरी बोले तो कंपनी बोले
CEO की सैलरी सिर्फ़ उनकी तन्ख्वाह नहीं होती, बल्कि ये कंपनी के इन्वेस्टर्स के लिए एक बड़ा सिग्नल होती है। जब CEO की सैलरी कंपनी के परफॉर्मेंस से जुड़ी होती है, तो इन्वेस्टर्स को भरोसा मिलता है कि कंपनी सही दिशा में जा रही है। एप्पल (Apple) और टिम कुक (Tim Cook) का उदाहरण इस बात को और मजबूती देता है। जब कुक ने स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) की जगह ली, तो उनका पैकेज बड़ा था, लेकिन उन्होंने एप्पल को $2 ट्रिलियन की कंपनी बना दिया।
मोटी सैलरी = ज्यादा परफॉर्मेंस
CEO की मोटी सैलरी उन्हें और मोटिवेट करती है कि वो कंपनी के लिए बेहतर फैसले लें और नए आइडियाज लाएं। माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के सत्या नडेला (Satya Nadella) ने इसी वजह से कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी सैलरी कंपनी की ग्रोथ से जुड़ी थी, जिससे उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट को क्लाउड कंप्यूटिंग की दुनिया का किंग बना दिया और कंपनी के स्टॉक्स ने भी जबरदस्त उछाल मारी।
कम सैलरी और कंपनी का नुकसान
लेकिन दूसरी तरफ, कम सैलरी भी कंपनी के लिए खतरनाक हो सकती है। JCPenney और Ron Johnson का मामला इसका बेहतरीन उदाहरण है। कम सैलरी और गलत फैसलों ने कंपनी के शेयर और सेल्स दोनों को नीचे गिरा दिया। Sears और Eddie Lampert का हाल भी कुछ ऐसा ही था। Lampert ने $1 सालाना सैलरी ली, लेकिन कंपनी के डूबते जहाज को बचा नहीं सके। ये साबित करता है कि अगर CEO की सैलरी उनकी परफॉर्मेंस से जुड़ी न हो, तो कंपनी के लिए ये नुकसानदायक हो सकता है।
CEO की सैलरी का दम, कंपनी की ग्रोथ सुपरम!
CEO की सैलरी सिर्फ़ एक रकम नहीं होती, ये कंपनी के परफॉर्मेंस और स्टॉक्स का एक बड़ा इंडिकेटर होती है। सही इंसान को सही दाम पर रखना कंपनी की किस्मत बदल सकता है। अगर CEO की सैलरी उनकी परफॉर्मेंस से जुड़ी हो, तो कंपनी की ग्रोथ और स्टॉक्स में उछाल आना तय है।
स्टारबक्स (Starbucks) और ब्रायन निकोल (Brian Niccol) का उदाहरण इस बात को साबित करता है कि एक सही CEO और सही सैलरी पैकेज कंपनी की तरक्की और स्टॉक्स की दिशा को बदल सकता है। इन्वेस्टर्स के लिए ये एक साफ सिग्नल होता है कि कंपनी अब तरक्की की राह पर चलने के लिए पूरी तरह तैयार है।