दुनिया में Mpox के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत भी सतर्क हो गया है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। हालांकि, भारत में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन दिल्ली सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
LNJP, GTB और BSA में होंगे आइसोलेशन वार्ड
दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, LNJP, GTB और बाबा साहेब अंबेडकर (BSA) अस्पतालों में Mpox के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। इनमें LNJP अस्पताल को नोडल सुविधा के रूप में नामित किया गया है, जहां मरीजों के लिए 20 आइसोलेशन कमरे तैयार किए जा रहे हैं। GTB और BSA अस्पताल में 10-10 आइसोलेशन कमरे होंगे।
घबराने की जरूरत नहीं, सरकार तैयार
दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और सरकार पूरी तरह से तैयार है। WHO के अनुसार, 2022 के बाद से अब तक दुनिया के 116 देशों में Mpox के 99,176 मामले सामने आ चुके हैं और 208 मौतें हुई हैं।
Mpox क्या है?
Mpox एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह वायरस सबसे पहले 1958 में बंदरों में देखा गया था। Mpox मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से फैलता है। इसके लक्षणों में शरीर पर दाने, बुखार, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।
कैसे फैलता है Mpox?
Mpox वायरस संक्रमित व्यक्ति के त्वचा के संपर्क, दूषित वस्तुओं के उपयोग या संक्रमित जानवरों के काटने से फैलता है। यह वायरस कपड़े, लिनेन, टैटू शॉप या पार्लर जैसी सार्वजनिक जगहों पर भी फैल सकता है।
Mpox के लक्षण और इलाज
Mpox के लक्षणों में शरीर पर दाने, बुखार, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। ये लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं हुआ, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
निष्कर्ष
भारत में Mpox का खतरा बढ़ता दिख रहा है, लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार हैं। दिल्ली के तीन प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था से सरकार इस वायरस से निपटने के लिए सतर्क है।