भारत में Wine की खपत और इस पर होने वाला खर्च हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है। कई शहरों में शराब की दुकानों के बाहर लंबी कतारें आम दृश्य बन चुकी हैं। हाल ही में केरल में शराब खरीदने के लिए लाइन में खड़े लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इससे यह सवाल उठता है कि आखिर देश में शराब पर सबसे ज्यादा खर्च कौन करता है और कौन सा राज्य इस मामले में सबसे कम खर्च करता है?
शराब पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले राज्य
वित्त मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) के एक अध्ययन के अनुसार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं जहां शराब पर प्रति व्यक्ति सबसे अधिक औसत वार्षिक खर्च होता है। NSSO के 2011-12 के सर्वे के अनुसार, आंध्र प्रदेश में लोग शराब पर प्रति व्यक्ति औसत 620 रुपये सालाना खर्च करते हैं। वहीं, सीएमआईई के कंस्यूमर पिरामिड्स हाउसहोल्ड सर्वे (2022-23) के अनुसार, तेलंगाना में यह आंकड़ा 1,623 रुपये सालाना है।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
शराब पर सबसे कम खर्च करने वाले राज्य
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश वह राज्य है जहां लोग शराब पर सबसे कम खर्च करते हैं। NSSO और CMIE के आंकड़ों के अनुसार, यहां के लोग क्रमशः 75 रुपये और 49 रुपये प्रति वर्ष खर्च करते हैं। NSSO के सर्वे के अनुसार, अन्य राज्यों में भी शराब पर खर्च कम है, जैसे कि केरल (486 रुपये), हिमाचल प्रदेश (457 रुपये), पंजाब (453 रुपये), तमिलनाडु (330 रुपये) और राजस्थान (308 रुपये)।

शराब पर सबसे अधिक टैक्स वसूलने वाले राज्य
शराब पर सबसे अधिक टैक्स वसूलने में गोवा सबसे आगे है, जहां टैक्स वसूली की दर 722% है। इसके विपरीत, झारखंड सबसे कम कर वसूलने वाला राज्य है, जहां कर वसूलने की दर मात्र 67% है। CMIE के अनुसार, 2022-23 के मौजूदा कीमतों पर उच्च औसत वार्षिक प्रति व्यक्ति खर्च करने वाले अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश (1,306 रुपये), छत्तीसगढ़ (1,227 रुपये), पंजाब (1,245 रुपये) और ओडिशा (1,156 रुपये) शामिल हैं।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खर्च का अंतर
आंध्र प्रदेश, बिहार, गोवा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और त्रिपुरा के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब पर औसत मासिक प्रति व्यक्ति खर्च शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। वहीं, असम, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के शहरी क्षेत्रों में लोग शराब पर ज्यादा खर्च करते हैं।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत के विभिन्न राज्यों में शराब पर खर्च और इसके कराधान में काफी अंतर है। जहां कुछ राज्य शराब पर उच्च कर वसूलते हैं, वहीं कुछ राज्य शराब पर कम खर्च करते हैं, जो कि उनके सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।
और पढ़ें