Azamgarh में पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है, जब उन्होंने एक अन्तर्राज्यीय साइबर ठग गैंग के दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इन अभियुक्तों ने फर्जी पतों पर बैंक खाते खुलवाकर लगभग 2 करोड़ 74 लाख रुपये की साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया था। गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस ने 3 मोबाइल फोन, 5 एटीएम कार्ड और अन्य संदिग्ध वस्तुएं बरामद की हैं।
Azamgarh: गिरफ्तारी और बरामदगी
Azamgarh: गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान मोहम्मद फैसल और कुलदीप गौतम के रूप में की गई है। ये दोनों आरोपी आजमगढ़ जिले के निवासी हैं। पुलिस ने उनके पास से 3 मोबाइल फोन, 2 पैन कार्ड, 5 आधार कार्ड, और भिन्न-भिन्न खातों की ट्रांजेक्शन सूची प्राप्त की। इस सूची के अनुसार, इन आरोपियों ने कुल 29 बैंक खातों से 2,74,14,695 रुपये की ठगी की है।
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गैंग के लीडर और फरार आरोपी
साइबर ठग गैंग का मुख्य लीडर दाऊद और जमीरूद्दीन अंसारी है, जो झारखंड के जामताड़ा का निवासी है। पुलिस ने बताया कि मौके से तीन अन्य आरोपी फरार हो गए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। फरार आरोपियों में प्रमुख रूप से दाऊद और जमीरूद्दीन के सहयोगी शामिल हैं।
Azamgarh: ठगी की विधि और पुलिस कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, इन साइबर ठगों ने फर्जी नाम और पते के आधार पर बैंक खाते खोले और फर्जी मोबाइल नंबरों की फीडिंग की। इसके बाद, वे इन खातों में साइबर ठगी का पैसा ट्रांसफर करते थे। पैसे को एटीएम कार्ड के माध्यम से निकालकर, 25% कमीशन अपने पास रख लिया जाता था और बाकी पैसा जामताड़ा गैंग के अन्य बैंक खातों में भेजा जाता था।
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पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि आरोपियों ने विभिन्न राज्यों में लोगों को कॉल करके ऑनलाइन ठगी की थी और ठगी से प्राप्त धनराशि आपस में बांट ली थी।
Azamgarh: न्याय की गुहार और पुलिस कार्रवाई
आजमगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया है और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने तकनीकी संसाधनों का उपयोग करते हुए इस पूरे सिंडीकेट का खुलासा किया और मामले की जांच तेज कर दी है।
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