हरियाणा बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर तकरार बढ़ गई है। पार्टी की अंदरूनी राजनीति में तगड़ा विवाद तब उठ खड़ा हुआ जब केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों को सूचित किया कि वे अपनी बेटी को टिकट दिलाने की मांग नहीं करेंगे। यह निर्णय पार्टी के भीतर असंतोष और नाराजगी का कारण बन गया है, खासकर उन लोगों के बीच जो लंबे समय से राव इंद्रजीत के साथ काम कर रहे हैं और उनकी उम्मीदवारी को समर्थन दे रहे थे।
बीजेपी के भीतर समर्थकों की नाराजगी
राव इंद्रजीत के समर्थक टिकट बंटवारे के इस निर्णय से खासे नाखुश हैं, और उन्हें लगता है कि पार्टी ने उनके योगदान को नजरअंदाज किया है। इसके अलावा, पार्टी की इस निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने उनकी मेहनत और वफादारी की सराहना करने के बजाय, केवल राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखते हुए टिकट बंटवारा किया है।
इस विवाद ने बीजेपी के भीतर नेतृत्व और फैसलों की प्रक्रिया को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी में आंतरिक असंतोष को दूर करने और सभी पक्षों को विश्वास में लेने के लिए अब एक नई रणनीति की आवश्यकता महसूस की जा रही है। आगामी चुनावी तैयारियों और टिकट वितरण में पारदर्शिता को लेकर पार्टी के सामने कई चुनौतियाँ हैं।