UP News: ‘मथुरा’ प्रसिद्ध धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुर ने एक बड़ा बयान देते हुए बक्फ बोर्ड को खत्म करने और धर्माचार्यों को सदन में लाने की वकालत की है। उन्होंने सपा सांसद रुचिवीरा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जब भगवान राम राजा थे, तब उनकी सदन में वशिष्ठ महाराज जैसे धर्माचार्य थे। ठाकुर देवकीनंदन का मानना है कि देश के विकास के लिए धर्माचार्यों का सदन में होना आवश्यक है।
लिव-इन रिलेशन और कानून व्यवस्था पर टिप्पणी
देवकीनंदन ठाकुर ने लिव-इन रिलेशनशिप पर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या यह भारत के लिए आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि धर्माचार्य इसलिए जरूरी हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में कौन से कानून जरूरी हैं और कौन से नहीं। उनके अनुसार, धर्माचार्य न केवल धर्म का प्रचार करेंगे बल्कि सदन में भी विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
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“नहीं लड़ूंगा कोई चुनाव” देवकीनंदन ठाकुर
UP News: ‘मथुरा’ देवकीनंदन ठाकुर ने स्पष्ट किया कि वे न तो विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं और न ही लोकसभा का। उन्होंने कहा कि सरकार से ज्यादा अधिकार बक्फ बोर्ड के पास हैं, जिसे खत्म करना चाहिए। ठाकुर देवकीनंदन का मानना है कि अगर भारत का सही मायने में विकास करना है, तो धर्माचार्यों को सदन में लाना होगा और बक्फ बोर्ड को खत्म करना होगा।
देवकीनंदन ठाकुर के इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में एक नई बहस छेड़ दी है, जहां एक तरफ वे धर्माचार्यों के महत्व को रेखांकित कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बक्फ बोर्ड के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं।
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