Lakhimpur Kheri में धौरहरा तहसील के ग्राम पंचायत सुजानपुर मजरा माथुरपुर एक बार फिर घाघरा नदी के कटान का शिकार हो गया है। यह क्षेत्र पिछले एक दशक में तीसरी बार कटान के खतरे में है। वर्तमान में नदी और गांव की दूरी महज 30 मीटर रह गई है, जिससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई है। ग्रामीण अपने-अपने घरों से गृहस्थी का सामान समेटते हुए सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए हैं।
पिछले वर्ष, बाढ़ खंड ने माथुरपुर और सहजदिया गांव को बचाने के लिए 780 मीटर की कटान रोधक परियोजना पर लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत लगाई थी। लेकिन, नदी ने एक ही सप्ताह में करोड़ों की इस परियोजना को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। जिम्मेदार केवल निरीक्षण करते रहे, और अब नदी और आबादी के बीच की दूरी 30 मीटर शेष बची है।
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Lakhimpur Kheri: अब विभाग के अधिकारियों ने कटान रोधक कार्यों को युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। हालांकि, भयंकर कटान को देखते हुए ये प्रयास नाकाफी प्रतीत हो रहे हैं। यदि नदी का यही रूख बना रहा और बचाव कार्य में तेजी नहीं लाई गई, तो माथुरपुर गांव का घाघरा नदी के पेट में समाना निश्चित लगता है। इससे यहां बसे करीब ढाई सौ परिवारों का बेघर होना लगभग तय है।
एसडीएम धौरहरा, राजेश कुमार ने बताया कि तहसील क्षेत्र के सुजानपुर, माथुरपुर, कैरातीपुरवा, रैनी और अन्य गांवों को कटान की चपेट में आने के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। वे लगातार कटान प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे हैं और बाढ़ खंड कटान रोकने के प्रयास कर रहा है।
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