Bijnor: बिजनौर जिले में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले डेढ़ साल में इस आदमखोर गुलदार ने 25 लोगों की जान ले ली है, जिससे इलाके में भय का माहौल है। आखिरकार, वन विभाग की टीम ने इस खतरनाक गुलदार को चांदपुर क्षेत्र के गांव कुलचाना के जंगल में पिंजरे में कैद कर लिया है।
Bijnor: पिंजरे में कैद हुआ आदमखोर गुलदार
बिजनौर जिले में आदमखोर गुलदार के हमलों ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया था। वन विभाग की टीम ने लगातार प्रयास करते हुए आखिरकार इस गुलदार को पकड़ने में सफलता हासिल की। यह गुलदार चांदपुर क्षेत्र के गांव कुलचाना के जंगल में पकड़ा गया। इसे पकड़ने के लिए वन विभाग ने गांव में पिंजरा लगाया था, और कई दिनों की मशक्कत के बाद यह खतरनाक जानवर पिंजरे में कैद हुआ।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
Bijnor: गुलदार के हमलों का सिलसिला
इस आदमखोर गुलदार ने पिछले डेढ़ साल में 25 लोगों की जान ले ली है, जिससे बिजनौर के ग्रामीण इलाकों में दहशत फैल गई थी। 17 जुलाई को, गुलदार ने संतोष देवी नामक महिला पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इस घटना के बाद गांववालों ने रेलवे ट्रैक पर धरना प्रदर्शन किया और ट्रेन को रोक दिया। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद ही स्थिति नियंत्रित हो सकी।
Bijnor: वन विभाग की मुस्तैदी और गुलदार के पकड़ने की तैयारी
गुलदार के आतंक को रोकने के लिए वन विभाग ने व्यापक तैयारी की थी। जगह-जगह पिंजरे और ट्रेप कैमरे लगाए गए थे। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक जिले में 23 लोगों की जान लेने वाले गुलदारों में से 78 को पकड़ा जा चुका है। WWF के अधिकारियों ने भी वन विभाग के कर्मचारियों को गुलदार से बचाव और इसे पकड़ने के दिशा-निर्देश दिए थे।
डर और गुस्से का माहौल
बिजनौर जिले में गुलदार के हमलों का सिलसिला डरावना रहा है। 22 जुलाई को गांव पिलाना में 16 वर्षीय सलोनी को गुलदार ने मार डाला। 13 जुलाई 2024 को नहटौर के गांव फजलपुर मडोरी में 8 वर्षीय दिव्यांशी को भी गुलदार ने अपना शिकार बनाया। 19 जनवरी 2024 को जलालपुर हसना में 62 वर्षीय चन्द्रप्रकाश को गुलदार ने सोते हुए निवाला बना लिया।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें
गुलदार के हमलों के बाद ग्रामीणों में गुस्सा और डर का माहौल बना हुआ है। 22 अगस्त को जलालपुर हसना गांव में गुलदार ने पिंकी नामक किसान को मार डाला, जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने अमहेड़ा गांव में जाम भी लगाया। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर इस स्थिति को नियंत्रित किया।
वन विभाग की चुनौतियां और प्रयास
गुलदार के आतंक को खत्म करने के लिए वन विभाग की टीम ने दिन-रात मेहनत की है। ज्ञान सिंह, SDO वन विभाग बिजनौर, ने बताया कि विभाग ने इस खतरनाक जानवर को पकड़ने के लिए व्यापक रणनीति बनाई थी। WWF के दिशा-निर्देशों के तहत, वन विभाग के कर्मचारियों को गुलदार से निपटने के विशेष प्रशिक्षण दिए गए हैं।
बिजनौर के ग्रामीण इलाकों में गुलदार का खौफ
बिजनौर के कई गांवों में गुलदार के हमले से लोग दहशत में हैं। 28 सितंबर 2023 को शाहपुर जमाल में 10 वर्षीय नैतिक को गुलदार ने मार डाला। 28 अगस्त 2023 को बढ़ापुर थाना क्षेत्र के गांव भोगपुर खदरी में 13 वर्षीय करन सिंह को गुलदार ने अपना शिकार बनाया।
Bijnor: वन विभाग का भविष्य का प्लान
वन विभाग अब भी इस बात को लेकर चिंतित है कि जिले में और भी गुलदार हो सकते हैं जो लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं। विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि जिले के संवेदनशील इलाकों में पिंजरे और ट्रेप कैमरे लगाए जाएंगे ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
Bijnor: गुलदार के हमलों से जुड़े आंकड़े
गुलदार के हमलों में मारे गए लोगों के नामों और घटनाओं की सूची डरावनी है। इसमें 4 मार्च 2023 को नहटौर के गांव बल्लाशेरपुर में 5 वर्षीय पूर्वी, 18 मार्च 2023 को नगीना के गांव काजीवाला में 40 वर्षीय मिथिलेश, और 19 अप्रैल 2023 को अफजलगढ़ के गांव सीरवासचंद में 70 वर्षीय तुंगल सिंह सैनी शामिल हैं।
Bijnor: सुरक्षा के उपाय और जागरूकता
वन विभाग अब ग्रामीणों को गुलदार के हमलों से बचने के उपायों के बारे में जागरूक कर रहा है। विभाग ने सुझाव दिया है कि लोग जंगलों में अकेले न जाएं और समूह में ही जंगलों के पास काम करें। इसके अलावा, ग्रामीणों को वन विभाग से संपर्क में रहने की सलाह दी गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता मिल सके।
बिजनौर जिले में आदमखोर गुलदार का आतंक वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था। हालांकि, विभाग की मुस्तैदी और व्यापक तैयारी के कारण, इस खतरनाक जानवर को पकड़ने में सफलता मिली। लेकिन, ग्रामीणों को अब भी सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि गुलदार का खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। वन विभाग और प्रशासन को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा ताकि जिले में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
और पढ़ें