LPG CNG Price Today: घरेलू एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) की कीमत ₹802.50 पर स्थिर बनी हुई है। यह दर पिछले महीने के समान है और मार्च 2024 से ₹802.50 पर ही कायम है। पिछले 12 महीनों में एलपीजी की कीमतों में लगातार कमी देखने को मिली है। अक्टूबर 2023 से लेकर सितंबर 2024 तक, एलपीजी की कीमत ₹100 तक गिर चुकी है, जिसमें मार्च 2024 में ₹100 की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
एलपीजी की कीमतें भारत में राज्य द्वारा संचालित तेल कंपनियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं और इन्हें मासिक आधार पर संशोधित किया जाता है। चूंकि भारत में लगभग हर घर में एलपीजी का उपयोग खाना पकाने के लिए किया जाता है, इसके दाम में उतार-चढ़ाव का सीधा असर लाखों लोगों के दैनिक जीवन पर पड़ता है। पिछले कुछ महीनों में एलपीजी की कीमतों की स्थिरता उपभोक्ताओं को अन्य क्षेत्रों में बढ़ती ईंधन लागत से राहत प्रदान करती है।
सरकार एलपीजी की बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कम करने के लिए उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करती है। यह सब्सिडी सिलेंडर की खरीदारी के बाद सीधे खरीदार के बैंक खाते में क्रेडिट की जाती है। सब्सिडी की राशि हर महीने बदलती रहती है और यह अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क एलपीजी की कीमतों में बदलाव के साथ-साथ विदेशी मुद्रा दरों के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है। वर्तमान में एलपीजी की कीमतों में स्थिरता के बावजूद, सरकार की सब्सिडी उपभोक्ताओं को वैश्विक मूल्य परिवर्तनों के प्रभाव से बचाने में मदद करती है।
LPG CNG Price Today: सीएनजी की कीमतें और वैश्विक गैस ट्रेंड्स
LPG CNG Price Today: भारत में संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं और ये वैश्विक प्राकृतिक गैस की कीमतों के साथ जुड़ी होती हैं। भारत अपने प्राकृतिक गैस की आधे से अधिक जरूरतों को आयात करता है, इसलिए सीएनजी की कीमतों पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार की प्रवृत्तियों का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। वैश्विक प्राकृतिक गैस की कीमतों में किसी भी तरह के उतार-चढ़ाव का सीधा असर घरेलू सीएनजी दरों पर पड़ेगा।
वर्तमान में, सीएनजी की सटीक कीमतें क्षेत्र और स्थानीय नियमों के आधार पर भिन्न हो सकती हैं। हालांकि, वैश्विक प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी या गिरावट का सीधा असर देश भर में सीएनजी की कीमतों पर पड़ेगा। भारतीय सरकार इन वैश्विक बाजार स्थितियों के अनुसार घरेलू सीएनजी की कीमतों की नियमित समीक्षा और समायोजन करती है।
पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति बढ़ती जागरूकता ने भारत में अधिक लोगों को सीएनजी चालित वाहनों की ओर आकर्षित किया है। सीएनजी पारंपरिक ईंधनों की तुलना में अधिक पर्यावरण-मित्र माना जाता है, क्योंकि यह कम उत्सर्जन करता है और कम प्रदूषणकारी होता है। इस बदलाव का उद्देश्य कार्बन फुटप्रिंट को कम करना और एक स्वच्छ वातावरण में योगदान देना है।
सरकार सीएनजी की कीमतें तय करते समय आयातित प्राकृतिक गैस की लागत के अलावा, वितरण लागत और करों जैसे घरेलू कारकों को भी ध्यान में रखती है। वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव की चुनौतियों के बावजूद, सीएनजी का उपयोग इसके पर्यावरणीय लाभ और अन्य ईंधनों की तुलना में अपेक्षाकृत कम लागत के कारण बढ़ता जा रहा है।
एलपीजी की कीमतें हाल के महीनों में स्थिर रही हैं, जो मार्च 2024 से एक स्थिरता का दौर दर्शाती हैं, जबकि सीएनजी की कीमतें वैश्विक प्राकृतिक गैस बाजार की स्थितियों के आधार पर उतार-चढ़ाव के अधीन रहती हैं। दोनों ईंधन भारत के ऊर्जा परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हैं, जिसमें एलपीजी घरेलू खाना पकाने के लिए एक आवश्यक सामग्री है और सीएनजी पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संवेदनशील परिवहन का एक पसंदीदा विकल्प बनता जा रहा है।