Bengaluru: गणेश विसर्जन के दौरान नागमंगला में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद, विपक्षी नेता आर. अशोक ने इस घटना को “पूर्व-नियोजित अपराध” करार दिया है और राज्य सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मंड्या जिले के नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें समुदायों के बीच टकराव हुआ, पत्थरबाजी की गई, और कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। आर. अशोक ने इस घटना को सरकार की विफलता बताते हुए इसे “तालिबान शासन” के समान बताया।
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अशोक ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार से दस महत्वपूर्ण सवाल पूछे और जवाबदेही की मांग की। उन्होंने कांग्रेस-नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की, जिन्होंने इस हिंसा को मामूली घटना कहकर खारिज कर दिया, जबकि स्पष्ट सबूत मौजूद हैं कि यह घटना पूर्व-नियोजित थी।
आर. अशोक के सवाल और चिंताएँ:
- सुरक्षा उपायों की कमी: पिछले घटनाओं के बावजूद अतिरिक्त सुरक्षा उपाय क्यों नहीं किए गए?
- खुफिया एजेंसियों की विफलता: खुफिया एजेंसियों ने हिंसा की संभावना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी क्यों नहीं दी?
- गणेश जुलूस के मार्ग की स्वीकृति: बिना पर्याप्त सुरक्षा के मार्ग की स्वीकृति कैसे दी गई?
- पुलिस संसाधनों की कमी: हिंसा के दौरान पुलिस बलों को मौके से हटाकर कहीं और क्यों तैनात किया गया?
- अतिरिक्त बलों की देर से तैनाती: पास के क्षेत्रों से अतिरिक्त बलों को बुलाने में दो घंटे क्यों लगे?
- FIR में पक्षपात: FIR में केवल हिंदुओं को निशाना बनाया गया, बाद में मुस्लिम नाम जोड़े गए, जिससे संभावित पक्षपात का संकेत मिलता है।
अशोक ने गृह मंत्री की भी आलोचना की, जो घटना की गंभीरता के बावजूद नागमंगला का दौरा करने में विफल रहे। उन्होंने उन अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की जिन्होंने FIR को गलत तरीके से संभाला। अशोक ने चेतावनी दी कि यदि हिंदुओं को निशाना बनाना जारी रहा, तो बीजेपी अधिक आक्रामक कदम उठा सकती है।
यह घटना राज्य सरकार की प्रतिक्रिया और हिंसा की जांच की मांगों को लेकर तनाव बढ़ा रही है।