Himachal Pradesh Government ने शिमला मस्जिद विवाद और मंडी में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य में किसी भी धर्म के अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शिमला में बनी अवैध मस्जिद के मामले में खुद मुस्लिम समुदाय ने अतिरिक्त मंजिलों को गिराने के लिए अनुमति मांगी है, और यह हिमाचल की संस्कृति को दर्शाता है।
मंडी में हिंदू संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान, पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जल बौछारों का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जल बौछारें हर विरोध प्रदर्शन में की जाती हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है।
इसके साथ ही, मंडी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। पुलिस ने मंडी टाउन के प्रवेश द्वारों पर नाके लगाए और प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी को सराहा और राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
Himachal Pradesh Government का अवैध निर्माण पर सख्त रुख शिमला मस्जिद विवाद
हिमाचल प्रदेश में शिमला मस्जिद विवाद और मंडी में हिंदू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अवैध निर्माण को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।
मुख्यमंत्री का बयान अवैध निर्माण पर कोई छूट नहीं
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस पूरे मामले पर बोलते हुए कहा, “शिमला में अवैध रूप से बनी मस्जिद का मामला जिस पर विवाद हो रहा है, मुस्लिम समुदाय ने खुद इस मस्जिद के अतिरिक्त निर्माण को तोड़ने की अनुमति मांगी है। अवैध निर्माण चाहे किसी भी धर्म से जुड़ा हो, उस पर कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा, “हिमाचल प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने राज्य की संस्कृति, शांति, और सौहार्द को बनाए रखने में अपना योगदान दिया है। हर व्यक्ति को यहां कानून के दायरे में रहकर काम करने का अधिकार है। हमने इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की और विस्तृत चर्चा की, जिसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।”
मंडी में विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
मंडी में हुए विरोध प्रदर्शन के चलते सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। हिंदू संगठनों ने अवैध रूप से बनी मस्जिद के खिलाफ विरोध मार्च की घोषणा की थी। इस विरोध के मद्देनजर मंडी में भारी पुलिस बल तैनात किया गया और जल रोड क्षेत्र में बैरिकेड्स लगाए गए थे। जब प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया, तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
Himachal Pradesh Government ने कहा, “पानी की बौछारें हर प्रदर्शन में इस्तेमाल की जाती हैं, यह पहली बार नहीं है। यह विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा है और इसमें कुछ गलत नहीं है। मीडिया में जब सब कुछ प्रसारित होता है, तो लोग अपने विरोध में मसाला डाल देते हैं। मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध रूप से बने फ्लोरों को गिराने की अनुमति मांगी है, यही हिमाचल प्रदेश की संस्कृति है।”
हिमाचल प्रदेश सरकार की सख्ती
Himachal Pradesh Government के बयान के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों ने शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद की है, और कोई भी व्यक्ति राज्य में कानून के दायरे में रहकर काम कर सकता है।
Himachal Pradesh Government: मंडी में पुलिस बल की तैनाती और सुरक्षा के उपाय
मंडी में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान, बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे। मंडी की एसपी साक्षी वर्मा ने कहा, “कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हमने सुरक्षा बढ़ाई है। हमें विभिन्न स्रोतों से जानकारी मिली है कि कुछ संगठनों ने यहां एकत्र होने का आह्वान किया है। 300 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और मंडी टाउन के प्रवेश द्वार पर पुलिस नाका लगाया गया है। प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।”
विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक प्रतिक्रिया
मंडी में हो रहे विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता चेतन ब्रगटा ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “यह हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा हिंदुओं पर एक और बेशर्म हमला है। पहले शिमला और अब मंडी में लोगों को दबाने के लिए पानी की बौछारों और बल का इस्तेमाल किया जा रहा है। आखिरकार सरकार क्या हासिल करने की कोशिश कर रही है?”
संजौली में हुए पथराव और पुलिस कार्रवाई
इससे पहले, बुधवार को शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद निर्माण को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में पथराव की घटनाएं हुई थीं। पुलिस ने इसके वीडियो भी जारी किए, जिसमें प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव दिखाया गया। इस पथराव में 6 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें से एक महिला पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गई और उसकी रीढ़ की हड्डी में चोटें आईं।
पुलिस ने संजौली के पास धाली टनल ईस्ट पोर्टल पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की और सुरक्षाबलों से भिड़ गए। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और लाठीचार्ज किया।