Delhi के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी जमानत पर रिहा होने के बाद सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। इस घोषणा ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है और अब सवाल उठ रहा है कि केजरीवाल के बाद कौन बनेगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री। सबसे प्रबल दावेदारी आतिशी की है, लेकिन अन्य उम्मीदवारों पर भी चर्चा हो रही है।
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा: एक मास्टरस्ट्रोक
अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली में पार्टी ऑफिस पहुंचकर सभा को संबोधित करते हुए घोषणा की कि वे अगले दो दिनों के भीतर सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। इस ऐलान के पीछे कई राजनीतिक रणनीतियाँ छिपी हुई हैं, जो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि केजरीवाल ने इस कदम से कई निशाने साधे हैं।
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आतिशी: सबसे प्रबल उम्मीदवार
अब जब केजरीवाल ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है, तो सबसे अधिक चर्चा आतिशी की ओर हो रही है। आतिशी ने हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्रसाल स्टेडियम में विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रध्वज फहराने की सिफारिश की थी, जिसे केजरीवाल ने समर्थन किया था। इससे उनकी विश्वसनीयता में इजाफा हुआ है। अगर आतिशी को सीएम बनाया जाता है, तो वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन सकती हैं।
अन्य संभावित उम्मीदवार
आतिशी के अलावा, सुनीता केजरीवाल, सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय भी सीएम पद के लिए चर्चा में हैं। सुनीता केजरीवाल, जो केजरीवाल की पत्नी हैं, के पास कोई विधायक का पद नहीं है, लेकिन उन्होंने कई रैलियों को संबोधित किया है। सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय भी पार्टी के वफादार नेता माने जाते हैं और उनके पास विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारियाँ हैं।
कैलाश गहलोत: एक नया चेहरा
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का नाम भी सीएम पद के लिए उभरता हुआ दिख रहा है। वह नजफगढ़ विधानसभा सीट के प्रतिनिधि हैं और पार्टी के वफादार नेता माने जाते हैं। कैलाश गहलोत के नाम की चर्चा इसलिए बढ़ रही है क्योंकि उनके जाट समुदाय से संबंध हैं, जिससे हरियाणा चुनाव में भी पार्टी को लाभ हो सकता है।
राजनीतिक जानकारों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि केजरीवाल का इस्तीफा बीजेपी के लिए एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक हो सकता है। इससे बीजेपी को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और आम आदमी पार्टी की स्थिति मजबूत हो सकती है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह घोषणा बीजेपी के लिए कठिनाइयाँ पैदा कर सकती है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल का नैतिकता का दांव
अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वे और उनकी पत्नी सुनीता आम आदमी पार्टी की ओर से जनता की अदालत में जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जनता उन्हें ईमानदार मानती है, तो वे फिर से सीएम बन सकते हैं। इस कदम से केजरीवाल ने अपनी नैतिकता को दर्शाया है और चुनावी रणनीति में एक नया मोड़ दिया है।