Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को शनिवार (14 सितंबर, 2024) को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब जांच में खुलासा हुआ कि संदीप घोष ने घटनास्थल से जानबूझकर दूरी बनाई थी और क्राइम सीन की निगरानी नहीं की थी। CBI का शक है कि संदीप घोष किसी से आदेश ले रहे थे और उन्हीं के निर्देशों का पालन कर रहे थे।
CBI को संदीप घोष पर क्यों है शक?
CBI के अनुसार, घोष ने क्राइम सीन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियों को छिपाया और अस्पताल के कई अधिकारियों से बात की। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, CBI का मानना है कि ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल और संदीप घोष के बीच कई बार बातचीत हुई थी, जिससे CBI को उनके मोबाइल फोन से जुड़े कई अहम सुराग मिलने की संभावना है। घोष और मंडल के कॉल डिटेल्स से यह शक और भी गहरा हो गया है कि दोनों किसी और से भी संपर्क में थे और आदेश ले रहे थे।
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संदीप घोष से कई बार हो चुकी है पूछताछ
CBI पहले भी संदीप घोष से इस मामले में पूछताछ कर चुकी है। जांच एजेंसी का मानना है कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई थी और इस बात की पूरी जांच की जा रही है कि घोष ने घटना के बाद कौन-कौन से कदम उठाए। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने डॉक्टरों का तीन सदस्यीय बोर्ड बनाया और स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। लेकिन CBI का शक है कि घोष और मंडल की भूमिका संदिग्ध है।
अभिजीत मंडल और संदीप घोष CBI की हिरासत में
CBI ने ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल और संदीप घोष को तीन दिनों के लिए हिरासत में भेजा है। उन पर 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की साजिश में शामिल होने और सबूतों को नष्ट करने का आरोप है। CBI इस मामले में पुलिस की जांच प्रक्रिया और क्राइम सीन को संभालने के तरीके पर सवाल उठा रही है।