Maharashtra: बदलापुर में एक यौन उत्पीड़न आरोपी की मुठभेड़ ने गंभीर विवाद को जन्म दिया है, जिसमें महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस की कार्रवाइयों का सख्त बचाव किया। 25 सितंबर, 2024 को एक मीडिया कार्यक्रम में फडणवीस ने पुलिस मुठभेड़ पर चल रहे बहस के संदर्भ में कहा कि मुंबई पुलिस जीवन संकट में नहीं आकर निष्क्रिय दर्शक नहीं हैं। यह बयान अक्शय शिंदे की मौत के बाद आया है, जो नाबालिगों के खिलाफ गंभीर अपराधों के आरोपी थे, जिससे पुलिस प्रोटोकॉल और विधि शासन पर सवाल उठे हैं।
घटना की पृष्ठभूमि
अक्शय शिंदे, 24 वर्ष के, को पिछले महीने बदलीपुर, ठाणे जिले में एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप में हिरासत में लिया गया था। शिंदे की विवादास्पद मुठभेड़ तब हुई जब उन्हें तालोजा जेल से बदलीपुर ले जाते समय फायरआर्म छीनने की कोशिश की गई। वह अपनी दूसरी पत्नी की शिकायत से संबंधित मामले के लिए गश्त कराए जा रहे थे, जब उन्होंने पुलिस अधिकारी की बंदूक छीन ली, जिससे पुलिस के जवाबी फायरिंग में उनकी मौत हो गई।
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फडणवीस का बयान
मीडिया सम्मेलन के दौरान, फडणवीस ने विधि शासन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और कहा, “हम मुठभेड़ में विश्वास नहीं करते।” उन्होंने यह भी बताया, “अगर कोई अपराधी पुलिस पर गोली चलाता है, तो पुलिस भी गोली चलेगी।” उनके ये बयान पुलिस की जवाबदेही पर सख्त रुख को दर्शाते हैं, साथ ही कानून प्रवर्तन अधिकारियों के सामने आने वाले खतरों को भी स्वीकारते हैं।
घटना के विवरण
यह मुठभेड़ सोमवार शाम को ठाणे के मुम्ब्रा बायपास के पास हुई। एक पुलिस अधिकारी से फायरआर्म छीनने के प्रयास के बाद, शिंदे को पुलिस की जवाबी फायरिंग में गोली लगी और उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना ने विशेष रूप से गंभीर आपराधिक आरोपों वाले मामलों में पुलिस के बल प्रयोग पर पुनः बहस छेड़ दी है।
सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मुठभेड़ ने जनता और राजनीतिक गोले में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। कुछ लोग पुलिस मुठभेड़ पर कड़े नियमों की वकालत कर रहे हैं, जबकि अन्य पुलिस के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन कर रहे हैं। इस घटना ने महाराष्ट्र में कानून प्रवर्तन प्रथाओं के बारे में व्यापक प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
कानून प्रवर्तन पर प्रभाव
Maharashtra: फडणवीस के बयान से यह संकेत मिलता है कि उच्च-दांव की परिस्थितियों में पुलिस की रुख में एक संभावित बदलाव हो सकता है। उप मुख्यमंत्री के ये बयान भविष्य की घटनाओं में पुलिस की कार्रवाइयों को न्यायसंगत ठहराने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन साथ ही यह प्रभावी पुलिसिंग और कानूनी मानकों के बीच संतुलन पर बातचीत की आवश्यकता को भी उजागर करते हैं।