चूरू जिले के सरदारशहर के सप्तर्षि वेद वेदांग ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम में 21 दिवसीय पांडित्य प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत ब्रह्मचारी बालकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई। मुख्य अतिथि रिणवा ने अपने संबोधन में कहा कि वैदिक संस्कृति भारत का केवल अतीत नहीं बल्कि भविष्य भी है। उन्होंने कहा कि वैदिक संस्कार उसी प्राचीन उन्नत वैदिक संस्कृति का अंग है जिसकी शक्ति से प्राचीन भारत विश्वगुरु कहलाता था। रिणवा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हो रहा है और पूरे विश्व में फिर से भारत का डंका बज रहा है।
आचार्य विष्णु गुरू महाराज, मेड़ता ने ब्राह्मणों के सर्वांगीण विकास हेतु वेद विद्यालयों के विकास की आवश्यकता पर बल दिया और समाज के सभी वर्गों से आग्रह किया कि वे वेद विद्यालयों के विकास में अपना योगदान दें और इन्हें पुष्पित व पल्लवित बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
विशिष्ट अतिथि डॉ. रामगोपाल शर्मा, पूर्व प्राचार्य शार्दूल संस्कृत कॉलेज, बीकानेर; पंचायत समिति प्रधान प्रतिनिधि मधुसूदन राजपुरोहित; जिला परिषद सदस्य गिरधारी लाल पारीक; संस्था के अध्यक्ष मुरलीधर शर्मा; और एस.पी.डी. कॉलेज प्रिंसिपल कविता दीक्षित ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सप्तर्षि वेद वेदांग ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम के प्रणेता आचार्य बालकृष्ण कौशिक ने कार्यक्रम का प्रतिवेदन और परिचय प्रस्तुत किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य लोग और ब्रह्मचारी विद्यार्थी उपस्थित थे।