Delhi: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वसंत कुंज स्थित मछली तालाब में बढ़ते प्रदूषण के मामले में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को नोटिस जारी किया है। इस मामले में, एनजीटी ने डीजेबी को 20 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई से कम से कम एक सप्ताह पहले अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मामला क्या है?
जिसमें वसंत कुंज के मछली तालाब की बिगड़ती स्थिति पर ध्यान दिलाया गया था। समस्या यह है कि तालाब में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का संचालन ठीक से नहीं हो रहा है, जिसके चलते अपशिष्ट जल सीधे तालाब में बह रहा है। यह स्थिति क्षेत्र के पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है।
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डीजेबी और डीडीए के बीच जिम्मेदारी का विवाद
एनजीटी ने इस मामले में डीजेबी और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को प्रतिवादी बनाया है। अदालत में यह सवाल उठाया गया कि एसटीपी के निर्माण और रखरखाव के लिए कौन सी एजेंसी जिम्मेदार होगी। डीजेबी और डीडीए दोनों ने अपनी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया, जिससे मामला और पेचीदा हो गया।
डीजेबी का जवाब और अगली सुनवाई
एनजीटी की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल शामिल हैं, ने डीजेबी को सुनवाई की अगली तारीख से पहले अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पीठ ने यह भी कहा कि डीजेबी को पर्यावरण मुद्दे को सुलझाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
डीजेबी का दावा और डीपीसीसी की रिपोर्ट
14 मई को, डीजेबी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को बताया था कि इस मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है। इसके विपरीत, डीपीसीसी ने 4 सितंबर को अपनी रिपोर्ट दायर की थी, जबकि डीडीए ने 25 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
अगली सुनवाई 20 नवंबर को
मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। एनजीटी ने सभी प्रतिवादियों को निर्देश दिया है कि वे इस तारीख से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें और मामले की जांच में सहयोग करें।