Kashi: महादेव की नगरी काशी इन दिनों पूरी तरह से दुर्गा पूजा के उत्सव में डूबी हुई है। हर तरफ शक्ति की आराधना हो रही है, कहीं सप्तशती के ओजस्वी मंत्र गूंज रहे हैं तो कहीं माता के भजनों से पंडाल सराबोर हो रहे हैं। काशी की गलियां, पंडालों में सजी प्रतिमाओं के साथ, रंग-बिरंगी रोशनी में नहाई हुई हैं।
माता दुर्गा का आह्वान और पूजा पंडालों का शुभारंभ
बुधवार को काशी में कलश पूजन के साथ दुर्गा पूजा का शुभारंभ हुआ। शहर और गांवों में माता दुर्गा के जयकारों से पंडाल गूंज उठे। प्रतिमाओं के पट खुलने के बाद काशी उत्सव में डूब गई और अगले तीन दिनों तक काशी के पंडालों में शक्ति की आराधना रातभर चलती रहेगी।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
भव्य पंडालों का सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रम
काशी के विभिन्न हिस्सों में पंडालों को मंदिरों की तरह सजाया गया है। कहीं काशी के कोतवाल की थीम है तो कहीं केदारनाथ धाम या प्रेम मंदिर। शाम होते ही लोग नयनाभिराम पंडालों में माता की आकर्षक प्रतिमाओं के दर्शन करने पहुंचने लगे। कुछ पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो रहे हैं, जो लोगों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं।
प्रमुख पंडाल और विशेष आकर्षण
शिवपुर के मिनी स्टेडियम में वृंदावन के प्रेम मंदिर के तर्ज पर पंडाल सजाया गया है, जबकि हथुआ मार्केट में प्रीमियम बॉयज क्लब पंडाल को स्वर्वेद मंदिर का रूप दिया गया है। यहां पर पूर्वांचल की सबसे ऊंची 24 फीट की मां दुर्गा की प्रतिमा दर्शकों का मुख्य आकर्षण है।
सिंगापुर के गोल्डन टेंपल की झलक
चौबेपुर बाजार में सिंगापुर के गोल्डन टेंपल की 70 फीट लंबी और 40 फीट चौड़ी प्रतिकृति बनाई गई है, जो श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रही है। इसके अलावा धौरहरा, चंद्रावती कैथी, मुनारी, उमरहां और आसपास के गांवों में भी पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
उत्सव की भव्यता और उत्साह
पूरे शहर में विद्युत झालरों की भव्य सजावट की गई है, और बंगाल शैली में कई मूर्तियां स्थापित की गई हैं। लहुराबीर, चेतगंज, नई सड़क, गोदौलिया जैसे प्रमुख इलाकों में देर शाम तक भारी भीड़ देखी गई। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।