Jharkhand: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने 14 अक्टूबर 2024 को झारखंड में कई स्थानों पर छापेमारी की, जो जल जीवन मिशन से जुड़े एक बड़े एक्सटॉर्शन रैकेट की जांच का हिस्सा है। छापेमारी रांची और चाईबासा में कुछ बिजनेसमैन, ब्यूरोक्रेट्स, और एक मंत्री के क्लेरिकल स्टाफ के ठिकानों पर की गई।
Jharkhand: मंत्री मिथिलेश ठाकुर के भाई और अन्य अधिकारी जांच के घेरे में
सूत्रों के मुताबिक, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर, उनके निजी सचिव हरेंद्र सिंह और आईएएस अधिकारी मनीष रंजन के ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई जारी है। ईडी उन कागजात और धन के स्रोतों की तलाश में है, जिनसे घोटाले के सबूत मिल सकते हैं। मनीष रंजन, जो पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में सचिव रह चुके हैं, पहले से ही जांच के घेरे में हैं।
बीजेपी ने उठाया था घोटाले का मुद्दा
इस घोटाले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में पहले ही जनहित याचिका दायर की जा चुकी है। बीजेपी नेताओं, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
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जल जीवन मिशन के तहत घोटाला
ईडी की यह छापेमारी जल जीवन मिशन से जुड़े 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के सिलसिले में हो रही है, जिसमें ठेकेदारों से लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इस मिशन के तहत हर घर में पाइप से पेयजल पहुंचाने की योजना है, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं की जांच की जा रही है।
ईडी की छापेमारी जारी
ईडी की टीम रांची और चाईबासा में 20 से अधिक ठिकानों पर रेड कर रही है। इस छापेमारी में कई कागजात और संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं। मामले की विस्तृत जांच अभी जारी है।