Jammu-Kashmir के गांदरबल जिले में 18 अक्टूबर 2024 को आतंकियों ने सुरंग निर्माण में काम कर रहे मजदूरों के कैम्प पर हमला किया, जिसमें 7 लोगों की जान चली गई। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया है। आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), जो लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा माना जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
आतंकी वारदात में मारे गए मजदूर
हमले में बिहार के रहने वाले फहीम नासिर, एमडी हरीफ, कलीम, मध्य प्रदेश के मैकेनिकल अनिल शुक्ला, जम्मू-कश्मीर के शशि अब्रोल और डॉ. शाहनवाज, और पंजाब के गुरमीत की हत्या कर दी गई।
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देशभर में आक्रोश
गृह मंत्री अमित शाह ने इस हमले को कायरतापूर्ण करार देते हुए कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मजदूरों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वे महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रहे थे।
घाटी में आतंक फैलाने की साजिश
आतंकी लगातार दूसरे राज्यों से आए लोगों को निशाना बना रहे हैं। आतंकवादी पाकिस्तान में बैठे आकाओं के निर्देशों पर घाटी में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और टेलीग्राम का उपयोग करके आतंकियों की भर्ती कर रहे हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल
Jammu-Kashmir: आतंकी संगठन डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे हैं। नकली प्रोफाइल और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए उन्हें कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ा जा रहा है। सैय्यद कुतुब जैसे चरमपंथी साहित्य का उपयोग किया जा रहा है, जो कई कट्टरपंथी संगठनों को प्रेरित करता है।