India Economic Growth: भारत के नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐसे समय पर पदभार संभाला है जब देश एक ओर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दूसरी ओर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 5.4% दर्ज की गई, जो पिछले सात तिमाहियों में सबसे कम है। वहीं, अक्टूबर में महंगाई दर 6.2% रही, जो पिछले 14 महीनों में सबसे अधिक है।
आर्थिक मजबूती की उम्मीद और चुनौतियां
हालांकि, RBI के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोविड और उसके बाद के समय में भारत को मजबूती से संभाला और अर्थव्यवस्था में लगभग 0.75 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा किया। लेकिन अब नए गवर्नर के सामने $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का पहला मील का पत्थर और 2047 तक भारत को “विकसित राष्ट्र” बनाने का सपना पूरा करने की चुनौती है।
इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए न्यूनतम 8% की GDP वृद्धि जरूरी है। हालांकि, चुनावी माहौल और नई सरकार के गठन के बाद बजट के कारण दूसरी तिमाही में GDP में गिरावट अस्थायी मानी जा रही है।
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विकास के लिए तीन प्रमुख चुनौतियां
GDP में स्थिरता और वृद्धि: देश को अगले 25 वर्षों तक 7.6% GDP की दर बनाए रखनी होगी, जबकि डबल-डिजिट ग्रोथ इस रफ्तार को और तेज कर सकती है।
महंगाई पर नियंत्रण: महंगाई को 4-6% के बीच रखना जरूरी है ताकि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें।
रेपो रेट पर दबाव को संतुलित करना: रेपो रेट को इस तरह बनाए रखना होगा जिससे GDP वृद्धि और महंगाई नियंत्रण, दोनों संभव हो सकें।
नीतिगत बदलाव की आवश्यकता
सरकार को CRR (कैश रिजर्व रेशियो) में 0.5% की कटौती पर विचार करना चाहिए ताकि बैंकों को लघु अवधि के ऋण के माध्यम से जनता में धन प्रवाह करने में मदद मिले। यह कदम विकास दर बढ़ाने में सहायक हो सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि महंगाई को नियंत्रित रखा जाए।
भारत की महाशक्ति बनने की राह
$5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने से भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और देशवासियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। यह लक्ष्य न केवल आर्थिक विकास का प्रतीक होगा, बल्कि 2047 तक भारत को एक “विकसित राष्ट्र” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी होगा।