Rape case में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर 31 मार्च तक के लिए सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने जमानत के दौरान कई शर्तें लगाई हैं, जिसमें सबूतों से छेड़छाड़ और अनुयायियों से मुलाकात पर पूरी तरह रोक शामिल है।
मेडिकल आधार पर मिली राहत
आसाराम को फिलहाल जेल में इलाज दिया जा रहा है। वह दिल के मरीज हैं और उन्हें पहले हार्ट अटैक भी आ चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए अंतरिम जमानत का आदेश दिया। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि यह राहत केवल स्वास्थ्य के आधार पर दी गई है और किसी अन्य मामले में कोई रियायत नहीं मिलेगी।
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शर्तें और कोर्ट का निर्देश
- अनुयायियों से मुलाकात पर रोक: जमानत की अवधि के दौरान आसाराम अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकेंगे।
- सबूतों से छेड़छाड़ पर सख्त प्रतिबंध: किसी भी गवाह या सबूत के साथ छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं होगी।
- 31 मार्च तक जमानत: यह राहत केवल तय समय सीमा तक ही वैध है।
पहले भी खारिज हो चुकी हैं याचिकाएं
आसाराम के वकील ने पहले भी कई बार सजा निलंबित करने और जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस बार केवल मेडिकल आधार पर जमानत स्वीकार की है।
बेटा भी है जेल में
आसाराम के बेटे नारायण साईं भी बलात्कार के मामले में जेल में बंद हैं। पीड़िता की बहन ने नारायण साईं पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद 2019 में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
मामला और सजा
2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज एफआईआर के बाद आसाराम को रेप केस में दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल आसाराम और उनका बेटा नारायण साईं दोनों जेल में हैं।