बिहार की राजधानी Patna में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगाए गए पोस्टर “टाइगर जिंदा है” के जरिए प्रेशर पॉलिटिक्स की शुरुआत हो गई है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को देश में स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया है, जिससे अब बीजेपी सहयोगी दलों के भरोसे सरकार बनाएगी। गठबंधन सरकार बनने की स्थिति में सहयोगी दल अक्सर अपनी बातों को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव डालते हैं।
पटना के कोतवाली थाने के पास लगाए गए इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ एक टाइगर की तस्वीर भी दिखाई दे रही है। पोस्टर पर बड़े अक्षरों में लिखा गया है, “टाइगर जिंदा है”। यह पोस्टर स्थानीय लोगों और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। ज़ी मीडिया संवाददाता रूपेंद्र श्रीवास्तव ने इस पोस्टर का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बातचीत की।
इस पोस्टर को लगाने के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट है: नीतीश कुमार की सरकार अपनी ताकत और सत्ता की उपस्थिति को दिखाने की कोशिश कर रही है। बिहार में राजनीतिक माहौल पहले से ही गर्म है, और इस पोस्टर ने इसे और भी गरम कर दिया है। भाजपा और जदयू के बीच सहयोग और खींचतान की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं, और यह पोस्टर उन खींचतान को और अधिक स्पष्ट करता है।
बिहार के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार इस पोस्टर के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि वह अभी भी राज्य की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और किसी भी तरह के दबाव को सहन नहीं करेंगे। गठबंधन सरकारों में प्रेशर पॉलिटिक्स एक सामान्य प्रक्रिया है, और यह पोस्टर उसी का एक उदाहरण है।