सावित्री ठाकुर, जो एक प्रमुख आदिवासी महिला नेता हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3.0 कैबिनेट में मध्य प्रदेश से मंत्री बनी हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वरिष्ठ नेता सावित्री ठाकुर का राजनीतिक और सामाजिक जीवन प्रेरणादायक है।
शैक्षिक और प्रारंभिक जीवन: सावित्री ठाकुर का जन्म 2 फरवरी 1974 को मध्य प्रदेश के धार जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा धार से प्राप्त की और बाद में इंदौर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। शिक्षा के दौरान ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संपर्क में आकर सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया।
राजनीतिक करियर: सावित्री ठाकुर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पंचायत स्तर से की। उन्होंने पहले पंचायत सदस्य और बाद में जिला पंचायत सदस्य के रूप में कार्य किया। 2014 में, उन्होंने धार से लोकसभा चुनाव जीता और पहली बार सांसद बनीं। बीजेपी के बैनर तले, उन्होंने अपने क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत की और आदिवासी समुदाय के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।
मंत्रिपरिषद में भूमिका: पीएम मोदी के 3.0 कैबिनेट में सावित्री ठाकुर को महिला और बाल विकास मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। इस भूमिका में, उनके पास महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए नीतियां और कार्यक्रम बनाने की जिम्मेदारी है। ठाकुर ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण नीतियों और परियोजनाओं की शुरुआत की है, जो महिलाओं और बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।
समाज सेवा: राजनीति के अलावा, सावित्री ठाकुर समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है और उनके उत्थान के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने आदिवासी समुदाय के जीवन में सुधार किया है और उन्हें सशक्त बनाया है।
उपसंहार: सावित्री ठाकुर का जीवन और करियर एक प्रेरणा स्रोत है। संघ के बैकग्राउंड से आकर और आदिवासी महिला नेता के रूप में उभरकर, उन्होंने साबित कर दिया है कि समर्पण और मेहनत से सब कुछ संभव है। पीएम मोदी के 3.0 कैबिनेट में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है और उनसे बहुत सी अपेक्षाएं हैं। महिला और बाल विकास मंत्री के रूप में ठाकुर का कार्यकाल एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें वे अपने अनुभव और समर्पण से महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए काम कर रही हैं।