राजगढ़: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोपों के चलते राजगढ़ के छात्रों और उनके अभिभावकों ने काउंसलिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। राजगढ़ के रहने वाले प्रियांशु नागर, जिन्होंने NEET परीक्षा में 602 अंक प्राप्त किए हैं, ने सुप्रीम कोर्ट से काउंसलिंग पर रोक लगाने की अपील की है।
प्रियांशु का कहना है कि परीक्षा में फर्जीवाड़े के कारण योग्य छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है। उनके माता-पिता ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बच्चों ने रात-दिन मेहनत की है, लेकिन परीक्षा में फर्जीवाड़े के कारण अयोग्य छात्र पास हो रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से परीक्षा पर रोक लगाने और फिर से परीक्षा आयोजित करने की मांग की है।
प्रियांशु नागर ने अपनी बाइट में कहा, “हमने मेहनत से पढ़ाई की है और उच्च अंक प्राप्त किए हैं, लेकिन फर्जीवाड़े के कारण हमारी मेहनत बेकार हो रही है। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और काउंसलिंग पर रोक लगानी चाहिए।”
प्रियांशु के माता-पिता ने भी अपनी बाइट में कहा, “हमारे बच्चे ने पूरी मेहनत की है, लेकिन फर्जीवाड़े के कारण उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। हमें न्याय चाहिए। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करे और पुनः परीक्षा आयोजित की जाए।”
यह मुद्दा तब और गंभीर हो गया है जब देश भर में कई अन्य छात्रों और अभिभावकों ने भी NEET परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं। छात्रों और उनके अभिभावकों की मांग है कि सरकार और न्यायपालिका इस मामले की जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
इस स्थिति ने शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और ईमानदारी के महत्व को फिर से उजागर किया है। छात्रों और अभिभावकों का मानना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े से योग्य छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाता है और शिक्षा प्रणाली पर से विश्वास उठ जाता है।