Rajasthan News: सलूंबर जिले के लसाडिया थाना क्षेत्र में मिट्टी के ढेर में दबने से एक दंपति की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर लसाडिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने ग्रामीणों की सहायता से मिट्टी को हटाकर दंपति के शवों को बाहर निकाला और स्थानीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया।
दरअसल, थाना क्षेत्र के भैरव बेडावाला फला गांव का रहने वाला मदन लाल मीणा अपनी पत्नी हिरकी मीणा के साथ घर की लिपाई के लिए मिट्टी लेने गया था। जब वे मिट्टी की खुदाई कर रहे थे, तो अचानक मिट्टी का ढेर उन पर गिर गया। मिट्टी के ढेर में दबने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी
Rajasthan News : घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। ग्रामीणों ने तुरंत लसाडिया थाना पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की सहायता से मिट्टी को हटाकर शवों को बाहर निकालकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
अस्पताल में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए। सभी ने मृतक के आश्रितों को आर्थिक सहायता देने की मांग की। इस दौरान जिम्मेदार अधिकारियों ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
दंपति के परिवार का हाल
मदन और हिरकी के दो बेटे हैं, जिनकी उम्र चार वर्ष और एक वर्ष है। माता-पिता की मौत के बाद अब बच्चों की जिम्मेदारी दादा के बुढ़े कंधों पर आ गई है। इस दुखद घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर फैला दी है और लोग परिवार के साथ सहानुभूति जता रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
मृतक दंपति की इस दुखद घटना के बाद, राजस्थान के सलूंबर जिले में यह मामला तेजी से फैल गया है। प्रशासन ने तुरंत इस घटना पर ध्यान दिया और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता का वादा किया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और परिवार की मदद के लिए आगे आए।
समाज की भूमिका
समाज ने भी इस कठिन समय में पीड़ित परिवार का साथ देने का संकल्प लिया है। गांव के लोग और अन्य स्थानीय संगठन इस परिवार को आर्थिक और भावनात्मक समर्थन देने के लिए आगे आए हैं। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि जब भी कोई आपदा आती है, तब समाज को एकजुट होकर पीड़ितों की सहायता करनी चाहिए।
मिट्टी की खुदाई के दौरान सुरक्षा के उपाय
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि मिट्टी की खुदाई के दौरान सुरक्षा के उपायों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे हादसों से बचने के लिए जरूरी है कि खुदाई के दौरान उचित उपकरणों का उपयोग किया जाए और सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को भी इस तरह की गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों।