Jharkhand: लैंड स्कैम मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें जमानत प्रदान की है, जिससे वे फिलहाल इस मामले में जेल जाने से बच गए हैं। हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान जमीन घोटाले को अंजाम दिया था। इस मामले में उनके खिलाफ जांच चल रही है और कई सबूत भी पेश किए गए हैं।
मामले की पृष्ठभूमि में देखा जाए तो यह घोटाला कई करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। आरोप है कि सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी जमीन को निजी व्यक्तियों को बेच दिया था। इस घोटाले में कई अन्य अधिकारी और व्यवसायी भी शामिल बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसियों ने कई बार उनसे पूछताछ भी की है।
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Jharkhand: हेमंत सोरेन ने हमेशा से इन आरोपों को नकारा है। उनका कहना है कि यह राजनीतिक साजिश है और उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। सोरेन के वकील ने भी अदालत में यही दलील दी थी कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं और उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है। वकील ने यह भी कहा कि सोरेन जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और वे कहीं भागने वाले नहीं हैं।
अदालत ने सोरेन की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभी तक जो सबूत पेश किए गए हैं, वे इतने ठोस नहीं हैं कि उनसे सीधे तौर पर सोरेन की संलिप्तता साबित हो सके। अदालत ने यह भी माना कि सोरेन ने जांच में सहयोग किया है और वे आगे भी ऐसा करेंगे। इसी आधार पर अदालत ने उन्हें जमानत प्रदान की है।
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Jharkhand: सोरेन की जमानत मिलने के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनके घर के बाहर और पार्टी कार्यालयों पर जश्न का माहौल देखा जा रहा है। सोरेन के समर्थकों का कहना है कि न्याय की जीत हुई है और सच्चाई सामने आएगी। वहीं, विपक्षी दलों ने इस फैसले की आलोचना की है और इसे न्याय की हार बताया है। उनका कहना है कि सोरेन पर लगे आरोप गंभीर हैं और उन्हें जमानत देना गलत है।
इस मामले में अब आगे क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी। सोरेन को भले ही जमानत मिल गई हो, लेकिन जांच अभी भी जारी है। अगर उनके खिलाफ ठोस सबूत मिलते हैं, तो उन्हें फिर से अदालत का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच, सोरेन ने कहा है कि वे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा रखते हैं और सच्चाई जल्द ही सामने आएगी।
Jharkhand: इस मामले ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। सोरेन के विरोधियों ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है और उनकी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, सोरेन के समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं। आगे आने वाले दिनों में इस मामले में क्या मोड़ आता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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