Sheena Bora Murder Case: शीना बोरा हत्याकांड में एक नया मोड़ आ गया है। बुधवार को अभियोजन पक्ष ने ट्रायल कोर्ट को बताया कि शीना के कंकाल के जो हिस्से गायब बताए जा रहे थे, वे नई दिल्ली में सीबीआई कार्यालय में पाए गए हैं। 2012 में शीना की हत्या कथित रूप से उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी और अन्य लोगों ने की थी। यह खुलासा तब हुआ जब ट्रायल कोर्ट को एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें यह दावा किया गया था कि शीना की हड्डियां गायब नहीं हुई थीं, बल्कि वे एक फोरेंसिक विशेषज्ञ के पास थीं, जिसने कंकाल की जांच की थी।
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ईमेल में यह भी बताया गया है कि इस गवाह के पास अचानक बहुत सारा पैसा आ गया है। विशेष सीबीआई जज एसपी नाइक निंबालकर ने बुधवार को अदालत में मौजूद बचाव पक्ष के वकीलों को ईमेल की जानकारी दी। ईमेल पढ़ने के बाद, वकीलों ने आरोप की जांच की मांग की। इसके बाद, न्यायाधीश ने केंद्रीय जांच एजेंसी से इस पर जवाब मांगा है।
आरोपी इंद्राणी मुखर्जी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील रणजीत सांगले, पीटर मुखर्जी का प्रतिनिधित्व कर रहीं वकील मंजुला राव और संजीव खन्ना का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील श्रेयांश मितारे ने तुरंत सहमति व्यक्त की और आगे की कार्रवाई से पहले आरोप की जांच की मांग की।
हालांकि, नंदोडे ने निर्देश लेने के लिए समय मांगा और बाद में दिन में अदालत में आकर कहा कि हड्डियां मलकाना में पड़ी हैं, लेकिन सीबीआई अब इस साक्ष्य पर भरोसा नहीं करना चाहती। नंदोडे ने जोर देकर कहा कि गवाह खान की जिरह को इस कारण से रोका नहीं जाना चाहिए।
आरोपियों के वकीलों ने हड्डियों को अदालत में प्रस्तुत करने की मांग की। हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि जब जांच एजेंसी इस पर भरोसा नहीं कर रही है, तो यह व्यायाम निरर्थक है। अदालत ने तब आगे बढ़कर जिरह की प्रक्रिया पूरी की। हालांकि, सांगले और राव ने फिर से अदालत में भेजी गई शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की, क्योंकि आरोपियों के खिलाफ भी आरोप लगाए गए थे और यह उनके लिए महत्वपूर्ण था। न्यायाधीश नाइक निंबालकर ने कहा कि इस मुद्दे पर औपचारिक आदेश गुरुवार को पारित किया जाएगा।
सीबीआई का आरोप है कि शीना बोरा की हत्या 2012 में उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय ने गला दबाकर की थी। फिर शव को कथित तौर पर पेन गांव ले जाया गया और जला दिया गया। पीटर मुखर्जी पर साजिश का हिस्सा होने का आरोप है। पेन पुलिस द्वारा 2012 में बरामद कंकाल अवशेषों को जांच के लिए जे जे अस्पताल भेजा गया था। यह मामला 2015 तक अनसुलझा रहा जब राय की गिरफ्तारी से कथित हत्या का खुलासा हुआ। राय बाद में मामले में अनुमोदक बन गया।