शर्मसार करने वाली घटना
हाल ही में, उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में एक शिक्षक को अपने शिक्षण कार्य को छोड़कर मोबाइल फोन पर केंडी क्रश गेम खेलने के आरोप में निलंबित किया गया। इस घटना ने शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को गहरा धक्का दिया है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की ऐसी लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये से बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ता है।
UP News: गर्व करने वाले शिक्षक
लेकिन, इसी जिले में कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जो शिक्षा के प्रति अपने जज्बे और जुनून के कारण गर्व का विषय बने हुए हैं। ऐसे ही एक शिक्षक हैं कपिल मलिक, जिन्होंने अपनी निजी प्रयासों से एक बदहाल सरकारी प्राथमिक स्कूल को यूपी का पहला हाईटेक सरकारी प्राथमिक स्कूल बना दिया है।
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कपिल मलिक की कहानी
कपिल मलिक, असमोली विकास खंड के इटायला माफी गांव में स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं। उन्होंने ग्रामीण इलाकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से इस स्कूल की काया पलट कर दी है। उनके अनूठे प्रयासों और समर्पण ने इस स्कूल को यूपी का पहला हाईटेक सरकारी प्राथमिक स्कूल बना दिया है। कपिल मलिक की मेहनत और दृढ़ संकल्प ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाई है।
UP News: हाईटेक सुविधाएं
इस स्कूल में छात्रों और शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज होती है। सभी कक्षाएं वाई-फाई से युक्त हैं, स्कूल परिसर में 16 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर लेब की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा, प्ले ग्राउंड और मिड डे मील के लिए मिड डे हाल भी हैं। इन सभी सुविधाओं ने स्कूल को एक मॉडल स्कूल के रूप में स्थापित किया है, जिससे अन्य सरकारी स्कूलों को प्रेरणा मिल रही है।
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UP News: निजी प्रयास और समर्पण
प्रधानाध्यापक कपिल मलिक ने अपने निजी प्रयासों से इस स्कूल का कायाकल्प किया है। उन्होंने अब तक 20 लाख से अधिक की अपनी निजी धनराशि खर्च की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके अतुलनीय प्रयासों को मान्यता देते हुए उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया है। बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने भी इस स्कूल को आदर्श विद्यालय के रूप में सम्मानित किया है। कपिल मलिक ने सरकार और शिक्षा विभाग से सम्मान के तौर पर मिली धनराशि को भी स्कूल के कायाकल्प पर खर्च कर शिक्षकों के लिए मिसाल पेश की है।
छात्र संख्या में वृद्धि
स्कूल में छात्रों की संख्या 50 से बढ़कर 265 हो चुकी है और इस स्कूल को मॉडल स्कूल बनाए जाने के लिए पीएम श्री योजना के तहत चयन किया गया है। यह उपलब्धि कपिल मलिक के अनूठे प्रयासों और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का परिणाम है।
शिक्षक दिवस पर पुरस्कार
शिक्षक दिवस के मौके पर लखनऊ में एक लाख 20 हजार रुपए का पुरस्कार प्रधानाध्यापक मलिक को आदर्श विद्यालय घोषित होने पर मिला था। इस धनराशि से 30 हजार रुपए का लैपटॉप और 14 हजार रुपए की बायोमीट्रिक मशीन खरीदी गई। शेष धनराशि से बच्चों के लिए फर्नीचर भी खरीदा गया। इस प्रकार, कपिल मलिक ने शिक्षा के प्रति अपने समर्पण को साबित किया है।
UP News: विशेषताएं
- कक्षा तीन से पांच तक के बच्चों को प्रत्येक दिन एक घंटे कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाती है।
- पढ़ाने के लिए चाक और ब्लैक बोर्ड के बजाय व्हाइट बोर्ड और मार्कर का उपयोग किया जाता है।
- स्कूल में सोलर लाइट की व्यवस्था की गई है, जिससे बिजली न होने पर भी पंखे चलते हैं।
- स्कूल सत्र शुरू होते ही सभी बच्चों को बैग, टाई और आई कार्ड दिया जाता है और हर माह टेस्ट लिया जाता है।
- स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर और पढ़ाई की गुणवत्ता देखकर अभिभावक अपने बच्चों को यहां भेजने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। स्कूल में 265 बच्चे पंजीकृत हैं, जिसमें ऐसे 103 बच्चे हैं जिन्होंने पूरे साल कोई भी छुट्टी नहीं ली।
UP News: निष्कर्ष
संभल जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक कपिल मलिक का यह प्रयास न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल है, बल्कि यह साबित करता है कि सही जज्बा और जुनून हो तो कोई भी बदलाव संभव है। कपिल मलिक जैसे शिक्षक समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और उनके प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद की जा सकती है।
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