Rohtak: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) ने बहादुरगढ़ के नया गांव के पास स्थित दिल्ली टेक्निकल कैंपस (DTC) को 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए नो-एडमिशन श्रेणी में रखा है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब डीटीसी को इस प्रकार के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। एमडीयू ने यह निर्णय विश्वविद्यालय की अकादमिक और कार्यकारी परिषद द्वारा पारित एक प्रस्ताव के बाद लिया है।
इस प्रस्ताव का आधार एमडीयू के कुलपति द्वारा गठित एक समिति की जांच रिपोर्ट है, जिसमें डीटीसी में महत्वपूर्ण अनियमितताएं पाई गईं। समिति ने अपनी जांच में कई गंभीर मुद्दों का खुलासा किया, जिनमें शैक्षणिक गुणवत्ता, प्रशासनिक व्यवस्था और बुनियादी ढांचे से संबंधित खामियां शामिल थीं।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
दिल्ली टेक्निकल कैंपस(DTC)
Rohtak: पिछले बुधवार को जारी किए गए आदेश में, एमडीयू ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय छात्रों के हितों की सुरक्षा और शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने के लिए लिया गया है। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि DTC को पहले भी चेतावनी दी गई थी और सुधार के लिए समय दिया गया था, लेकिन कॉलेज द्वारा अपेक्षित सुधार नहीं किए गए।
इस निर्णय का प्रभाव DTC में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों पर पड़ेगा, जिन्हें अब वैकल्पिक शैक्षणिक संस्थानों की तलाश करनी होगी। इसके अलावा, DTC को अपनी शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी ताकि भविष्य में इस प्रकार के प्रतिबंधों से बचा जा सके।
डीटीसी के प्रबंधन ने एमडीयू के इस निर्णय पर निराशा व्यक्त की है और कहा है कि वे विश्वविद्यालय के साथ मिलकर सभी अनियमितताओं को दूर करने का प्रयास करेंगे। प्रबंधन ने यह भी कहा कि वे एमडीयू की सभी सिफारिशों को ध्यान में रखेंगे और कॉलेज की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें
इस मामले में शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय एमडीयू की ओर से शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार आवश्यक है ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक मानकों से कोई समझौता नहीं करेगा और सभी संबद्ध कॉलेजों से उच्च मानकों की अपेक्षा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि एमडीयू उन कॉलेजों का समर्थन करेगा जो अपने शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधारों को गंभीरता से लेते हैं।
इस प्रकार, DTC को 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए नो-एडमिशन श्रेणी में रखे जाने का निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता बनाए रखने के एमडीयू के प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उम्मीद की जाती है कि डीटीसी इस निर्णय से सीख लेकर अपनी व्यवस्थाओं में सुधार करेगा और भविष्य में छात्रों को बेहतर शैक्षणिक अनुभव प्रदान करेगा।
और पढ़ें