Rajasthan news: डूंगरपुर जिले में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (TAD) के अंतर्गत संचालित Eklavya Model Schools में Guest Faculty Teachers के रूप में सेवाएं दे रहे शिक्षकों ने आज जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगों से अवगत कराया। इन शिक्षकों ने मंत्री से अपनी सेवाएं बहाल करने की गुहार लगाई है।
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शिक्षकों की स्थिति
शिक्षक रोहित कुमार यादव सहित कई अन्य Guest Faculty Teachers ने मंत्री बाबूलाल खराड़ी को बताया कि डूंगरपुर जिले में 100 से अधिक गेस्ट फैकल्टी शिक्षक पिछले एक साल से Eklavya Model Schools में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हाल ही में, TAD Department ने एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक लेने की प्रक्रिया शुरू की है,
Rajasthan news: जिससे गेस्ट फैकल्टी के शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। शिक्षकों का कहना है कि सरकार एक तरफ प्रतिनियुक्ति की खिलाफत कर रही है और दूसरी तरफ एकलव्य मॉडल स्कूलों में प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक लगाकर गेस्ट फैकल्टी के शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है।
मांगें और ज्ञापन सौंपना
शिक्षकों ने मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया को रोका जाए और Guest Faculty Teachers को पुनः रोजगार दिया जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि जनजाति क्षेत्र में संचालित मॉडल स्कूल, जनजाति आश्रम छात्रावास, कस्तूरबा गांधी और महात्मा गांधी विद्यालयों में भी रिक्त पदों पर गेस्ट फैकल्टी के शिक्षकों को नियुक्त किया जाए, ताकि बच्चों का कोर्स पूरा हो सके। इसके अलावा, उन्होंने गेस्ट फैकल्टी के शिक्षकों का मानदेय 12 हजार रुपए फिक्स करने की भी मांग की है।
शिक्षकों की भावना
शिक्षकों का कहना है कि गेस्ट फैकल्टी के रूप में उन्होंने बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनकी सेवाओं को समाप्त करने से उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से झटका लगा है। मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
प्रभाव और समाधान
इस मामले ने शिक्षकों के आर्थिक और मानसिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डाला है। Teacher Reinstatement Demand को ध्यान में रखते हुए, सरकार को इस पर त्वरित और न्यायपूर्ण निर्णय लेना चाहिए। शिक्षकों की सेवाएं बहाल करने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि बच्चों की शिक्षा में निरंतरता भी बनी रहेगी। Dungarpur Education के लिए यह कदम महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।