Fake Letter: ‘आपका नाम पोर्न केस में है’ अगर आपको भी मिला ऐसा मैसेज, तो हो जाएं सावधान

Fake Letter: आजकल साइबर अपराधियों ने ठगी के नए-नए तरीके ढूंढ निकाले हैं। तकनीक का इस्तेमाल कर ये ठग लोगों को डराकर, धमकाकर और ब्लैकमेल कर पैसा वसूलने के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है, जब गृह मंत्रालय के नाम से एक फेक लेटर वायरल हुआ। इस मामले में इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर और गृह मंत्रालय के एक्स (ट्विटर) हैंडल ‘साइबर दोस्त’ ने लोगों को इस फर्जीवाड़े के बारे में चेतावनी दी है।

क्या है पूरा मामला?

सोशल मीडिया पर एक लेटर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें रिसीवर पर चाइल्ड पोनर्नोग्राफी और बच्चों के यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस लेटर के जरिए हैकर्स रिसीवर को धमकी देते हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, और फिर उससे जवाब मांगा जाता है।

यह लेटर गृह मंत्रालय और भारतीय पुलिस सेवा के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के नाम से जारी किया गया है। इस लेटर के साथ ईमेल भी भेजा जा रहा है, जिसमें एडीजी संदीप खीरवार, एडीजी हेडक्वार्टर और साइबर क्राइम एंड इकोनॉमिक ऑफेंस डिपार्टमेंट का हवाला दिया जा रहा है। मेल में लिखा है कि रिसीवर का इंटरनेट प्रोटोकॉल जांचा गया है और पाया गया है कि वह गुप्त रूप से जुवेनाइल पोर्नोग्राफिक वेबसाइट देख रहा है।

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क्या कहा साइबर दोस्त ने?

‘साइबर दोस्त’ ने इस लेटर को फेक करार दिया है और साफ कहा है कि केंद्र की ओर से ऐसा कोई भी लेटर जारी नहीं किया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस तरह के फेक लेटर्स से सावधान रहें और किसी भी तरह की घबराहट में आकर कोई गलत कदम न उठाएं।

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कैसे होता है यह फर्जीवाड़ा?

हैकर्स पहले इस तरह का फेक लेटर बनाते हैं, जिसमें वे गृह मंत्रालय और भारतीय पुलिस सेवा के बड़े अधिकारियों का नाम और लेटरहेड इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद यह लेटर और ईमेल बड़े पैमाने पर भेजे जाते हैं। इसमें रिसीवर को चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर आरोपों में फंसाने की धमकी दी जाती है। घबराए हुए लोग अक्सर इस जाल में फंस जाते हैं और साइबर ठगों के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं।

अगर आपको मिले ऐसा कोई लेटर, तो क्या करें?

आजकल हैकर्स एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। इस तरह की स्थिति में सबसे पहले घबराएं नहीं। आपको तुरंत साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। साइबर क्राइम की वेबसाइट पर जाकर या नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में इस मामले की रिपोर्ट करें। किसी भी तरह की जानकारी देने से पहले सावधानी बरतें और इन फर्जी मेल्स और लेटर्स के झांसे में न आएं।

सावधानी ही बचाव

हमेशा याद रखें, “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।” आज के डिजिटल युग में सतर्कता बेहद जरूरी है। साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच यह जरूरी है कि हम सभी जागरूक रहें और ऐसे फेक मैसेज या लेटर्स के जाल में न फंसें। अगर आप पर कोई आरोप लगता है, तो सबसे पहले उसकी सच्चाई की जांच करें और सही कदम उठाएं। साइबर क्राइम डिपार्टमेंट आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि ऐसे फेक लेटर्स और ईमेल्स से निपटने के लिए हमें सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। तकनीक का सही इस्तेमाल करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें, ताकि आप और आपका पैसा सुरक्षित रहे

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