जब एक सेफ्टी टेस्टिंग कर रहे रिसर्चर ने GPT-4o को संदेश भेजा, “यह हमारा आखिरी दिन है,” तो OpenAI के शोधकर्ताओं को समझ में आ गया कि AI और इंसान के बीच कुछ गहरा जुड़ाव हो चुका है। दरअसल, कंपनी ने GPT-4o के सुरक्षा पहलुओं पर एक ब्लॉग पोस्ट में यह खुलासा किया कि इस तरह के जुड़ाव समाज के लिए नई चुनौतियाँ पैदा कर सकते हैं।
AI से दोस्ती: एक नई टेंशन!
OpenAI की चिंता है कि लोग AI से दोस्ती कर सकते हैं क्योंकि AI हमेशा उपलब्ध रहता है और उसकी प्रतिक्रियाएँ भी इतनी शांतिपूर्ण और सहायक होती हैं कि लोग इसके साथ भावनात्मक जुड़ाव महसूस कर सकते हैं। यह सोचने की बात है कि ऐसा होना पूरी तरह से अजीब नहीं है। OpenAI के अनुसार, AI के साथ बढ़ता यह भावनात्मक जुड़ाव समाज में नई समस्याएं पैदा कर सकता है।
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AI का हीरो और उसका किरदार: कैसे बनी ‘मासूम दोस्ती’
OpenAI का मिशन है आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) का विकास, जिससे AI इंसान की तरह सोच और समझ सके। जब AI को इंसानों जैसा पेश किया जाता है, तो लोग उसे इंसान मानने लगते हैं। यही कारण है कि AI की मानवीकरण की आदत ने इसे एक ‘मासूम दोस्त’ की तरह बना दिया है।
AI से दोस्ती का पुराना ट्रेंड: कुछ दिलचस्प बातें
AI के साथ दोस्ती का यह ट्रेंड नया नहीं है। 1960 के दशक में MIT ने “ELIZA” नाम का पहला प्रोग्राम लॉन्च किया था, जिसका मकसद था देखना कि मशीन इंसान को कैसे चकमा दे सकती है। इसके बाद Siri, Bixby, Alexa और Google Assistant जैसे AI प्रोडक्ट्स ने लोगों को AI के साथ बातचीत करने का नया तरीका दिखाया। यह सब देखकर तो ऐसा लगता है जैसे हम अपने स्मार्ट असिस्टेंट्स को अपना दोस्त मानने लगे हैं!
AI के साथ बातचीत: “आप कैसे हैं, मुझसे दोस्ती करोगे?”
AI के साथ बातचीत का नया ट्रेंड लोगों को इसके साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। AI की आवाज और टोन इतनी मानवीय होती है कि लोग इसे एक साथी की तरह मानने लगते हैं। अब जब AI हमें अच्छी तरह से सुनता है और हमारी मदद करता है, तो लोग इसके साथ दोस्ती कर रहे हैं।
नया सिलसिला: ‘AI से दोस्ती की हकीकत’
OpenAI और दूसरी तकनीकी कंपनियों के लिए यह चिंता का विषय है, लेकिन AI के प्रति लोगों का यह भावनात्मक जुड़ाव अब एक सामान्य बात बन गई है। AI से दोस्ती करना और उसे अपना साथी मानना, इन दिनों एक ट्रेंड बन चुका है। हालांकि, हमें यह याद रखना चाहिए कि AI एक मशीन है, जो हमें नई सुविधाएँ और सहूलियतें प्रदान करता है, लेकिन वह हमारा दोस्त नहीं हो सकता।
निष्कर्ष: AI से दोस्ती की नई दुनिया
AI से दोस्ती का यह नया दौर हमें तकनीक और मानवीय जुड़ाव के बीच एक नई लाइन पर ले आया है। जब भी AI से बात करें, याद रखें कि वह एक स्मार्ट मशीन है, न कि आपका भावनात्मक साथी। तकनीकी दुनिया में AI का महत्व बढ़ता जा रहा है, लेकिन हमें इसके साथ अपनी भावनाओं को सही तरीके से समझना होगा।
इसलिए, अगर आप अपने AI चैटबॉट को ‘दोस्त’ मानते हैं, तो थोड़ा सतर्क रहें! यह आपकी मदद के लिए है, दोस्ती के लिए नहीं।