पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के नाती दिव्यांश चौधरी ने स्पेशल सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। दिव्यांश चौधरी पर आरोप था कि उन्होंने एक जूता कारोबारी और उनकी बेटी को कार से कुचलने का प्रयास किया था। पुलिस ने दिव्यांश चौधरी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था।
सरेंडर की घटना
दिव्यांश चौधरी ने स्पेशल सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया। उन्हें कोर्ट के आदेश के तहत एक महीने के भीतर समर्पण करना था। आरोपित दिव्यांश चौधरी पर थाना शाहगंज में मुकदमा दर्ज था, जिसमें उन पर जूता कारोबारी और उनकी बेटी को कार से कुचलने का आरोप था।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी दिव्यांश चौधरी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की थी। अंततः दिव्यांश चौधरी ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे मामले की आगे की कार्रवाई शुरू हो सके।
घटना का विवरण
दिव्यांश चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने एक जूता कारोबारी और उनकी बेटी को कार से कुचलने का प्रयास किया था। यह घटना उस समय हुई जब जूता कारोबारी और उनकी बेटी अपने काम से जा रहे थे। आरोपी ने अचानक से अपनी कार को उनके ऊपर चढ़ाने की कोशिश की। इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पर मुकदमा दर्ज किया था।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें
परिजनों की प्रतिक्रिया
दिव्यांश चौधरी के सरेंडर करने के बाद पीड़ित परिवार ने न्याय की उम्मीद जताई है। जूता कारोबारी ने कहा, “हमारी बेटी को निशाना बनाना हमारे लिए एक बड़ा झटका था। हमें न्याय की उम्मीद है और हम चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।”
कोर्ट की कार्यवाही
दिव्यांश चौधरी के सरेंडर करने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई की तारीख निर्धारित की है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि आरोपी को पुलिस हिरासत में रखा जाए और मामले की जांच तेजी से पूरी की जाए। पुलिस ने कहा कि वे इस मामले की पूरी जांच करेंगे और सभी साक्ष्यों को कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे।
Agra News: निष्कर्ष
पूर्व मंत्री उदयभान सिंह के नाती दिव्यांश चौधरी के सरेंडर करने के बाद इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। पुलिस और न्यायपालिका इस मामले की पूरी जांच कर रही है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए तत्पर हैं।
यह घटना एक बार फिर से यह सिद्ध करती है कि कानून के आगे कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, समान है। न्यायपालिका और पुलिस की तत्परता से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पीड़ितों को न्याय मिले और दोषियों को उनके कर्मों की सजा मिले।
और पढ़ें