Uttarakhand बढ़ते तापमान की वजह से जंगली जानवरों पर भी गर्मी का कहर बरप रहा है। भीषण गर्मी की वजह से जंगल के भीतर पानी के प्राकृतिक स्रोत सूख चुके हैं। ऐसे में वन विभाग जंगल के भीतर जंगली जानवरों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करता नजर आ रहा है।
इन दिनों बढ़ते तापमान के कारण इंसानों के साथ-साथ जंगली जानवर भी परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं।
भीषण गर्मी की वजह से जंगलों के भीतर पानी के प्राकृतिक जल स्रोत सूख चुके हैं और जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए आबादी का रुख कर रहे हैं। ऐसे में जिन जंगली जानवरों को पानी नसीब नहीं हो पाएगा उनके मरने का भी अंदेशा लग रहा है।
भीषण गर्मी के चलते जंगल के भीतर के हालात बेहद गंभीर हो चले है । बारिश का दौर शुरू होने तक जंगल के भीतर प्राकृतिक जल स्रोत रिचार्ज नहीं हो पाएंगे।
जिसके चलते भीषण गर्मी के इस दौर में हालातो से निपटने के लिए वन विभाग भी मुस्तैद हो चला है।
तिमली रेंज में वन विभाग ने जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए कुछ वैकल्पिक व्यवस्थाएं की हैं।
जंगल के भीतर कच्चे व पक्के तालाबों में टैंकरों के द्वारा रोजाना पानी भरा जा रहा है।
दरअसल वन विभाग ने जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए बीते कुछ सालों में जंगल के भीतर एक बड़े बजट से कच्चे व पक्के तालाबों का निर्माण किया है।
जिन्हें विभाग के कर्मचारी टैंकरों की मदद से रोजाना पानी से भरते नजर आ रहे हैं।
जंगल में जंगली जानवरों के लिए पानी पहुंचाने के इस काम में वन विभाग के साथ कुछ सामाजिक लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
भले ही तालाबों में भरा जा रहा है ये पानी पूरे जंगल के जानवरो के लिए पर्याप्त न हो लेकिन फिर भी जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए वन विभाग अपनी ओर से बेहतर प्रयास करने की कोशिश में जुटा हुआ नजर आ रहा है।