Mahasamund जिले के बसना ब्लॉक का ग्राम बूटीपाली इन दिनों चर्चा में है। चर्चा की वजह यहां के एक बाबा द्वारा नि:संतान महिलाओं को नींबू और मंदार फूल खिलाकर संतान प्राप्ति का दावा है। बाबा पीतांबर जगत, जो 40 साल के हैं, हर सप्ताह मंगलवार और शनिवार को अपना दरबार लगाते थे, जहां हजारों की संख्या में लोग संतान प्राप्ति की आशा में आते थे।
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बाबा का दावा और दरबार की लोकप्रियता
बाबा का दावा है कि नींबू और मंदार फूल खाने से महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं। बीते नवरात्रि से बाबा का यह दरबार निःसंतान दंपतियों के लिए संतान प्राप्ति का आश्रयस्थल बन गया था। महासमुंद और अन्य जिलों से लोग यहां आकर बाबा से आशीर्वाद लेते थे। दरबार के दौरान, पूरे गांव में गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती थीं।
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की शिकायत
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने महासमुंद कलेक्टर प्रभात मालिक को पत्र लिखकर इस मुद्दे की शिकायत की। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और बाबा का दरबार बंद करवाया गया। प्रशासन ने नींबू और मंदार फूल से गर्भधारण की प्रमाणिकता की जानकारी मांगी, लेकिन बाबा से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके इलाज का दरबार बंद कर दिया गया।
बाबा पीतांबर जगत का बयान
बाबा पीतांबर जगत का कहना है कि वे पिछले 15 साल से जड़ी-बूटी से इलाज कर रहे हैं और लोग अपनी श्रद्धा से उनके पास आते हैं। उन्होंने दावा किया कि माता रानी के आशीर्वाद से वे निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति के लिए मंदार फूल और नींबू देते हैं और कुछ महीनों में परिणाम दिखाई देगा। बाबा के दरबार में आने वाले लोग अपनी श्रद्धा अनुसार चढ़ावा भी देते थे।
प्रशासन की कार्रवाई
हालांकि, प्रशासन की सख्ती के बाद बाबा का दरबार अब बंद हो चुका है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने नींबू से गर्भधारण कराने की प्रमाणिकता की जांच की, लेकिन बाबा से कोई ठोस जानकारी नहीं मिलने पर यह कार्रवाई की गई। प्रशासन की इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग बाबा के समर्थन में हैं, जबकि अन्य प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं।
निष्कर्ष
बाबा का यह दरबार अब बंद हो चुका है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से अंधविश्वास और विज्ञान के बीच की खाई को उजागर कर दिया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि अंधविश्वास के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और जनता को सही और प्रमाणित चिकित्सा सेवा प्रदान की जाएगी।
बाबा पीतांबर जगत का दावा क्या था?
बाबा पीतांबर जगत का दावा था कि नींबू और मंदार फूल खाने से नि:संतान महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं।
प्रशासन ने बाबा का दरबार क्यों बंद करवाया?
प्रशासन ने बाबा से नींबू और मंदार फूल से गर्भधारण की प्रमाणिकता की जानकारी मांगी, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर दरबार बंद कर दिया गया।
बाबा पीतांबर जगत का दरबार कब लगता था?
बाबा पीतांबर जगत का दरबार हर सप्ताह मंगलवार और शनिवार को लगता था।
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने क्या किया?
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इस मुद्दे की शिकायत की, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की।
प्रशासन की कार्रवाई पर स्थानीय लोगों की क्या प्रतिक्रिया है?
प्रशासन की कार्रवाई पर स्थानीय लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग बाबा के समर्थन में हैं, जबकि अन्य प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं।