Crypto Scam: आजकल के डिजिटल दौर में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है। लोग तेजी से इसमें निवेश कर रहे हैं, और इसी तेजी का फायदा उठाने के लिए स्कैमर्स भी सक्रिय हो गए हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जी क्रिप्टो एक्सचेंज ने भारतीय निवेशकों से करीब $128 मिलियन (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) की ठगी की है। यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा है, जिसे समझना और इससे बचना बेहद जरूरी है।
फिशिंग डोमेन और फर्जी ऐप्स का खतरा
साइबर सिक्योरिटी कंपनी CloudSEK ने इस बड़े स्कैम का खुलासा किया है, जिसमें कई फिशिंग डोमेन और एंड्रॉयड-आधारित फर्जी क्रिप्टो ऐप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये स्कैमर्स बड़ी चालाकी से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और उन्हें एक बड़े जुए के खेल में धकेल देते हैं। इन फर्जी वेबसाइट्स में से कई “CoinEgg” नाम के असली यूके-बेस्ड क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की नकल हैं, ताकि लोग आसानी से धोखे में आ जाएं।
CloudSEK के पास एक पीड़ित पहुंचा जिसने बताया कि उसने इस स्कैम में 50 लाख रुपये ($64,000) खो दिए। इसके अलावा, उसे डिपॉजिट अमाउंट, टैक्स वगैरह जैसे अन्य खर्च भी उठाने पड़े। CloudSEK के फाउंडर और CEO राहुल सासी ने बताया, “हमारा अनुमान है कि इन क्रिप्टो स्कैम्स के जरिए स्कैमर्स ने अब तक पीड़ितों से लगभग $128 मिलियन (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) की ठगी की है।”
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कैसे फंसते हैं लोग?
जैसे-जैसे लोग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं, वैसे-वैसे स्कैमर्स भी उन पर नजर गड़ाए हुए हैं। सबसे पहले, ये धोखेबाज वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की कॉपी बनाकर फर्जी डोमेन तैयार करते हैं। इन साइट्स को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि वे असली वेबसाइट के डैशबोर्ड और यूजर एक्सपीरियंस जैसी दिखें।
इसके बाद, स्कैमर्स सोशल मीडिया पर एक लड़की की फेक प्रोफाइल बनाते हैं और संभावित शिकार से दोस्ती करने की कोशिश करते हैं। ये प्रोफाइल पीड़ित को क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने और ट्रेडिंग शुरू करने के लिए मोटिवेट करती है। प्रोफाइल एक वैध क्रिप्टो एक्सचेंज की नकली कॉपी के रूप में $100 डॉलर का क्रेडिट गिफ्ट के तौर पर देती है।
शुरुआती मुनाफा, फिर बड़ा नुकसान
स्कैमर्स बहुत शातिर होते हैं। सबसे पहले वे पीड़ित को शुरुआत में थोड़ा मुनाफा कमाने देते हैं। इससे पीड़ित का भरोसा प्लेटफॉर्म और स्कैमर पर बढ़ जाता है। जैसे ही पीड़ित को प्रॉफिट दिखता है, स्कैमर उसे बड़ी रकम इन्वेस्ट करने के लिए कहता है, और बेहतर रिटर्न का वादा करता है। लेकिन जैसे ही पीड़ित अपने पैसे इस नकली एक्सचेंज में डालता है, स्कैमर उसका अकाउंट फ्रीज कर देता है, जिससे वो अपना पैसा वापस नहीं निकाल सकता। इसके बाद स्कैमर गायब हो जाता है, पीड़ित के सारे पैसे लेकर।
फर्जी इन्वेस्टिगेटर्स का नया जाल
जब पीड़ित अपनी समस्या को लेकर अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर शिकायत करता है, तो वही स्कैमर या दूसरे नए धोखेबाज इन्वेस्टिगेटर्स बनकर उससे संपर्क करते हैं। ये लोग पीड़ित से फ्रीज्ड एसेट्स को वापस पाने के लिए आईडी कार्ड और बैंक डिटेल्स जैसी गोपनीय जानकारी मांगते हैं। बाद में, इन डिटेल्स का इस्तेमाल और भी फ्रॉड करने के लिए किया जाता है।
यह जालसाजी का एक नया तरीका है, जिसमें पीड़ित को दोबारा ठगने की कोशिश की जाती है। अगर पीड़ित पहली बार पैसे गंवाने के बाद भी सतर्क नहीं होता, तो वह दोबारा इस जाल में फंस सकता है। इसलिए, यह समझना बहुत जरूरी है कि अगर आपने एक बार धोखा खाया है, तो आपको और भी ज्यादा सतर्क हो जाना चाहिए।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
डिजिटल दुनिया में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं, तो आपको किसी भी प्लेटफॉर्म पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। सबसे पहले उस प्लेटफॉर्म की पूरी जानकारी हासिल करें, उसकी विश्वसनीयता की जांच करें और यदि कुछ भी संदिग्ध लगे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
इसके अलावा, क्रिप्टो एक्सचेंज, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs), और साइबर क्राइम सेल्स के बीच मिलकर काम करने की ज़रूरत है, ताकि ऐसे स्कैम्स को रोका जा सके और लोगों को जागरूक किया जा सके। CloudSEK के फाउंडर राहुल सासी ने कहा, “क्रिप्टो स्कैम्स से बचने के लिए अलर्ट रहना बेहद ज़रूरी है।”
इस कहानी से एक बात साफ है: हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती। फर्जी क्रिप्टो एक्सचेंज से खुद को बचाने के लिए अलर्ट रहें, जागरूक रहें और सोच-समझकर अपने पैसे का निवेश करें। आजकल की दुनिया में, थोड़ी समझदारी और सतर्कता ही आपको धोखाधड़ी से बचा सकती है। इसलिए, किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें और अगर कुछ भी डाउटफुल लगे, तो तुरंत एक्शन लें। धोखाधड़ी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सतर्कता और जानकारी।