नई दिल्ली: Agniveer योजना पर राहुल गांधी और राजनाथ सिंह की तीखी बहस योजना, जिसे विपक्ष ने तीव्र आलोचना का सामना करना पड़ा है, आज लोकसभा में कांग्रेस के राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के बीच गर्मागर्म बहस का केंद्र रही। मंत्री ने विपक्ष के नेता पर गलत जानकारी फैलाने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करने की पेशकश की।
बजट पर राहुल गांधी का भाषण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट पर अपने भाषण में, श्री गांधी ने दावा किया किAgniveer योजना ने देश के सैनिकों और उनके परिवारों से वित्तीय सुरक्षा और सम्मान छीन लिया है, क्योंकि इसमें पेंशन का प्रावधान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना सरकार की “युवा विरोधी और किसान विरोधी” मानसिकता को उजागर करती है। श्री सिंह ने तर्क दिया कि श्री गांधी ने बजट के बारे में कई गलतफहमियां फैलाई हैं, जिन्हें वित्त मंत्री सीतारमण अपने आगामी भाषण में स्पष्ट करेंगी। उन्होंने कहा कि श्री गांधी Agniveer योजना के बारे में जनता को गुमराह कर रहे हैं, जिससे विपक्ष के नेता को जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा।

शहीद का दर्जा न मिलने का आरोप
श्री गांधी ने कहा, “एक अग्निवीर लैंडमाइन विस्फोट में अपनी जान गंवा चुका है, लेकिन उसे ‘शहीद’ का दर्जा नहीं मिला है। मैं उसे शहीद मानता हूं, लेकिन भारत सरकार नहीं मानती। पीएम मोदी उसे शहीद नहीं मानते, बल्कि अग्निवीर कहते हैं। उसके परिवार को पेंशन या मुआवजा नहीं मिलेगा। Agniveer योजना उन्हें एक मजदूर की तरह मानती है।” इस बयान पर बीजेपी सदस्यों ने जोरदार विरोध किया। श्री सिंह ने तर्क दिया कि श्री गांधी सदन को गुमराह कर रहे हैं और स्पष्ट किया कि कर्तव्य के दौरान जान गंवाने वाले अग्निवीर के परिवार को ₹1 करोड़ की वित्तीय सहायता मिलती है।
वित्तीय सहायता का स्पष्टीकरण
श्री सिंह ने कहा, “उन्हें (राहुल गांधी) सदन को गलत बयानबाजी से गुमराह नहीं करना चाहिए। हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए या युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निवीर के परिवार को ₹1 करोड़ की वित्तीय सहायता दी जाती है।” बाद में, श्री गांधी ने अग्निवीर अजय कुमार के मामले का हवाला देते हुए दावा किया कि कर्तव्य के दौरान जान गंवाने वाले उनके परिवार को केंद्र सरकार से कोई पैसा नहीं मिला है और सुविधाओं और पेंशन की मांग की।
Agniveer योजना का उद्देश्य
2022 में शुरू की गई Agniveer योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में अल्पकालिक सेवा के लिए कर्मियों की भर्ती करना और सभी स्तरों पर उम्मीदवारों की उम्र प्रोफाइल को कम करना है। इन व्यक्तियों को अग्निवीर के रूप में जाना जाता है और सेवा में उनकी मृत्यु के मामले में उनके परिवारों के लिए नियमित लाभ जैसे पेंशन का प्रावधान नहीं होता है।
संसदीय पैनल की सिफारिशें
इस मुद्दे ने व्यापक चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें एक संसदीय पैनल ने पहले सिफारिश की थी कि कर्तव्य के दौरान जान गंवाने वाले अग्निवीरों के परिवारों को नियमित सैन्य कर्मियों के परिवारों को प्रदान किए जाने वाले लाभों के बराबर लाभ मिलना चाहिए।