Delhi: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने फसल कटाई के मौसम में धान की पराली जलाने के खिलाफ गंभीर कदम उठाए हैं। आयोग ने जिला प्रशासन और राज्य सरकारों को चेतावनी दी है कि वे इस समस्या पर कड़ी निगरानी रखें। इसके तहत, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में पराली जलाने पर लगी रोक का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
सख्त कार्रवाई के निर्देश
सीएक्यूएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत किया है कि यदि वे पराली जलाने पर कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि यह कदम वायु प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक है, खासकर जब से हाल के दिनों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं।
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पराली जलाने की घटनाएं
15 सितंबर से 9 अक्टूबर के बीच, पंजाब में 267 और हरियाणा में 187 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं। इस समस्या से निपटने के लिए, सीएक्यूएम ने पंजाब और हरियाणा में 26 केंद्रीय टीमों को तैनात किया है और धान की पराली प्रबंधन के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ की स्थापना की है।
विशेष सेल का गठन
Delhi: चंडीगढ़ में एक विशेष सेल भी स्थापित किया गया है ताकि इन प्रयासों की निगरानी की जा सके। सीएक्यूएम ने इस बात पर जोर दिया है कि सभी संबंधित विभागों को फसल कटाई के मौसम में सतर्क रहना चाहिए और सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।